लखनऊ : सीएम योगी ने यूपी में पराली जलाने को लेकर किसानों के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लेने का आदेश जारी कर दिया है. हाल ही में सीएम योगी ने ऐलान किया था कि किसानों से पराली जलाने से जुड़े मुकदमों को वापस लिया जाएगा. सीएम 18 सितम्बर को किसानों से सीधा संवाद भी करेंगे.
योगी सरकार के इस फैसले से सैकड़ों किसानों को राहत मिली है. आदेश में कहा गया कि पराली जलाने के मामले में किसानों के ऊपर से 868 केस वापस ले लिए गए हैं. वहीं पराली को लेकर दर्ज किए केस वापस लेने के बाद योगी सरकार विरोधी दलों के निशाने पर आ गई है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने इसको लेकर सरकार पर निशाना साधा है.
प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर सरकार पर कटाक्ष किया है. उन्होंने ने कहा कि, "जब यूपी सरकार पराली जलाने के लिए किसानों के साथ अपराधियों की तरह व्यवहार कर रही थी, उस वक्त कांग्रेस पार्टी ने कहा था कि किसान का धान- कानूनी व पराली-गैरकानूनी कैसे?"
सरकार के इस कदम को अगले साल होने वाले यूपी चुनावों के मद्देनज़र किसानों को खुश करने की सरकार की कोशिशों के तौर पर देखा जा रहा है. बुधवार को यूपी के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी ने इस सम्बन्ध में पुलिस आयुक्त, सभी डीएम और एसएसपी को आदेश जारी किया. इस आदेश में कहा गया है कि यूपी सरकार किसानों उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार यह सुनिश्चित करती है कि किसान बिना किसी दिक्कत या डर के प्रदेश की अर्थव्यवस्था में लगातार अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहेंगे. इसके अलावा प्रियंका ने आगे कहा कि चुनाव आते मुकदमे वापस लेने का नाटक करने वाली सरकार को बताना चाहिए कि किसानों का अपमान किसके आदेश पर किया गया था?
बता दें कि ये मुकदमे आईपीसी की धारा 188, 278, 290 और 291 के तहत राज्य के अलग अलग जिलों में दर्ज किए गए थे. अवनीश अवस्थी के आदेश में कहा गया है कि ऐसे सारे मुकदमे तत्काल वापल ले लिए जाएं. जिसके लिए जरूरी कार्यवाही सभी जिले में अफसरों को करने के लिए कहा गया है. अवनीश कुमार अवस्थी ने अपने आदेश में कहा है कि ये सारे मुकदमे लघु प्रकृति के हैं. मगर किसानों को लेकर सरकार की नीतियों के चलते इनका बना रहना उचित नहीं है, इसलिए मुकदमे हटाए जा रहे हैं.
गृह विभाग का यह आदेश सभी 75 जिलों के जिलाधिकारियों,एसएसपी, मण्डलायुक्तों और पुलिस कमिश्नरों को भेजा गया है. तत्काल इस पर कामकरने के लिये कहा गया है. सरकार की ओरसे कहा गया है कि जितना जल्दी हो सके वाद वापस ले लिए जाएं.