लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तेवर काफी सख्त हो गए हैं. योगी सरकार भ्रष्ट और जिम्मेदारी ठीक से निर्वहन नहीं करने वाले आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना तैयार कर रही है.
भ्रष्ट अफसरों पर गिर सकती है गाज
- सीएम योगी ने सरकार बनते ही 2017 में भ्रष्ट आईएएस अधिकारियों की सूची मांगी थी.
- भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ आरोप सही पाए जाने पर सेवा से जबरन बाहर निकाला जाए.
- भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा सकती है.
- सीएम के आदेश पर नियुक्ति विभाग ने सूची तैयार की.
- अधिकारियों के मकड़जाल ने तैयार सूची को सीएम के टेबल तक पहुंचने नहीं दिया.
- भ्रष्ट अधिकारियों पर किसी भी दिन गाज गिर सकती है.
छिन सकते हैं आरोपी अधिकारियों के विभाग
- मुख्यमंत्री एक बार फिर अधिकारियों पर खफा नजर आ रहे हैं.
- भ्रष्ट अफसरों पर किसी भी दिन गाज गिर सकती है.
- नियुक्ति विभाग में 15 आईएएस अधिकारियों की सूची तैयार की गई है.
- ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उनके महत्वपूर्ण विभाग भी छीन लिए जाएंगे.
खाद्यान्न घोटाले में कार्रवाई शुरू हुई
- पहले की सरकारों में प्रदेश में हुए खाद्यान्न घोटाले के आरोपी अधिकारियों की भी फाइल खुल गई है.
- शासन स्तर पर करीब दो साल से लंबित मामले में छह पूर्ति निरीक्षकों के खिलाफ अभियोजन की सहमति दी गई है.
- अभियोजन की सहमति मिलने के बाद कई बड़े अधिकारियों की मुश्किलें भी बढ़ सकती हैं.
- संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना के तहत बलिया व जौनपुर में खाद्यान्न वितरण में हुए करोड़ों के घपले का मामला सामने आया है.
- इस मामले में आईएएस अधिकारी डॉ. हरिओम और तत्कालीन मुख्य विकास अधिकारी समेत कई आरोपियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी गई है.
- विधानसभा की आश्वासन समिति ने भी इस प्रकरण में अब तक हुई कार्रवाई की समीक्षा की है.
क्या था मामला
- बलिया में वर्ष 2005 में हुए घोटाले में 14 थानों में 6049 आरोपितों के खिलाफ 51 मुकदमे दर्ज कराए गए थे.
- शासन ने मामले की जांच ईओडब्ल्यू को सौंपी थी, जबकि आठ मुकदमों की जांच सीबीसीआईडी को स्थानांतरित कर दी गई थी.
- ग्रामीण रोजगार योजना के तहत जौनपुर को वर्ष 2005 में आवंटित किए गए 31.51 करोड़ रुपये और 26 हजार 287 मीट्रिक टन खाद्यान्न में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आई थी.
- खाद्यान्न घोटाले का मामला प्रदेश के अन्य जिलों में भी सामने आया था, जो अभी तक लंबित चल रहे हैं.
- तत्कालीन सीडीओ अश्विनी श्रीवास्तव, राममूर्ति, दीनानाथ पटवा, रामचंद्र, अरविंद सिंह समेत अन्य के खिलाफ भी अभियोजन स्वीकृति के मामले शासन में लंबित हैं.
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार के मामले में लंबित अभियोजन स्वीकृति व अन्य कार्रवाई के प्रकरणों का तेजी से निस्तारण कराए जाने का निर्देश दिया था.