लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार करते हुए प्रांतीय पुलिस सेवा (पीपीएस) के अधिकारियों पर बड़ी कार्रवाई की है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर डीजीपी ओपी सिंह ने बड़ा एक्शन लेते हुए 7 पीपीएस अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दे दी है. वहीं सरकार की तरफ से बताया गया है कि किन प्रावधानों के तहत इन अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है.
बीजेपी प्रवक्ता ने दी जानकारी. सरकार ने साफ किया है कि अगर कोई अधिकारी अपने काम के प्रति लापरवाही करता है, भ्रष्टाचार करता है तो सरकार उसे बर्दाश्त नहीं करेगी और उसे सेवा से बाहर जाना ही होगा.
इन विभागों में हुई कार्रवाई
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार जीरो टॉलरेंस पर काम कर रही है. पिछले दो वर्षों में योगी सरकार अलग-अलग विभागों के 200 से ज्यादा अफसरों और कर्मचारियों को जबरन रिटायर कर चुकी है. इन दो वर्षों में योगी सरकार ने 400 से ज्यादा अफसरों, कर्मचारियों को निलंबन और डिमोशन जैसे दंड भी दिए हैं.
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योगी सरकार ऊर्जा विभाग के 169 अधिकारियों, गृह विभाग के 51 अधिकारियों, ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के 37 अधिकारियों, राजस्व विभाग के 36 अधिकारियों, बेसिक शिक्षा विभाग के 26 अधिकारियों, पंचायती राज के 25 अधिकारियों, लोक निर्माण विभाग के 18, लेबर डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, संस्थागत वित्त विभाग के 16 अधिकारियों, कमर्शियल टैक्स के 16 अधिकारियों, इंटरटेनमेंट टैक्स डिपार्टमेंट के 16 अधिकारियों, ग्राम विकास के 15 अधिकारियों और वन विभाग के 11 अधिकारियों पर कार्रवाई कर चुकी है.
लक्ष्मी सिंह पर 25 हजार का इनाम घोषित
इसके अलावा योगी सरकार ने गाजियाबाद में 70 लाख रुपये के गबन का आरोपी फरार इंस्पेक्टर लक्ष्मी सिंह चौहान पर 25 हजार रुपये का इनाम घोषित किया है. छह अन्य पुलिसकर्मियों पर भी 25-25 हजार के इनाम की घोषणा की है. हाईकोर्ट से लक्ष्मी सिंह की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. अदालत से कुर्की का भी आदेश है.
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत योगी सरकार काम कर रही है. सभी विभागों में भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है. आईएएस अफसरों की भी निगरानी की जा रही है. कोई भी भ्रष्ट अफसर बचने नहीं पाएगा.
-मनीष शुक्ला, भाजपा प्रवक्ता