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राज्य के मदरसों में गड़बड़ियां रोकने के लिए योगी सरकार ने उठाया ये कदम

उत्तर प्रदेश सरकार मदरसा शिक्षकों की गड़बड़ियों को रोकने के लिए अहम कदम उठाने जा रही है. इसके तहत अब सरकार मदरसा शिक्षकों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर फीड करा रही है.

सांकेतिक चित्र.
सांकेतिक चित्र.

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Published : Jan 9, 2021, 7:21 PM IST

लखनऊ:उत्तर प्रदेश की योगी सरकार मदरसों के नाम पर होने वाली धांधलियों और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिए एक के बाद एक कदम उठा रही है. मदरसों का विवरण ऑनलाइन करने के बाद अब मदरसों के शिक्षकों का विवरण भी पोर्टल पर दर्ज होगा, जिससे शिक्षकों के फर्जीवाड़े पर रोक लग सके. इससे मदरसों को लेकर पारदर्शिता भी रहेगी.

अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रजा

मदरसों में नहीं चल पाएगा फर्जीवाड़ा

योगी सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि अब मदरसों में शिक्षकों के नाम पर फर्जीवाड़ा नहीं चल पाएगा. उत्तर प्रदेश सरकार मदरसा शिक्षकों की गड़बड़ियों को रोकने के लिए अहम कदम उठाने जा रही है, जिसके तहत अब सरकार मदरसा शिक्षकों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर फीड करा रही है. इससे सभी मदरसा शिक्षकों का विवरण एक स्थान पर मिल जाएगा. मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि सरकार मदरसा शिक्षकों के लिए तबादला नीति भी ला सकती है. इससे न सिर्फ पारदर्शिता आएगी, बल्कि मदरसा शिक्षा में भी सुधार होगा.

560 अनुदानित मदरसों के शिक्षकों का विवरण होगा फीड

मंत्री मोहसिन रजा ने बताया कि पहले चरण में मदरसा शिक्षकों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर फीड होगा. उत्तर प्रदेश में 560 अनुदानित मदरसे हैं. इनमें 9 हजार शिक्षक पढ़ाते हैं. इनका वेतन प्रदेश सरकार देती है. पहले चरण में अनुदानित मदरसा शिक्षकों का विवरण मानव संपदा पोर्टल पर फीड किया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण में मान्यता प्राप्त अन्य मदरसा शिक्षकों के विवरण ऑनलाइन किए जाएंगे. उन्होंने कहा कि इससे वे मदरसा शिक्षक भी पकड़ में आ जाएंगे, जो एक साथ कई मदरसों में काम कर रहे हैं. कई बार मदरसा प्रबंधक मान्यता लेने के लिए दूसरे मदरसों के शिक्षकों को अपने यहां दिखा देते हैं. इस पर भी नई व्यवस्था में लगाम लग सकेगी.

कुल मदरसों की संख्या 17 हजार

बता दें कि मौजूदा वक्त में प्रदेश में 560 अनुदानित मदरसे हैं, जबकि प्रदेश में कुल मदरसों की संख्या 17 हजार के आसपास है. इनमें प्राइवेट मदरसे भी शामिल हैं. अनुदानित मदरसों में काम कर रहे तकरीबन 9000 शिक्षकों पर प्रदेश सरकार 800 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च करती है. इसके साथ ही प्रदेश में 130 मिनी आईटीआई चल रहे हैं, जिन पर 20 करोड़ का खर्च आता है. इसके साथ ही प्रदेश में 4500 आधुनिकीकरण मदरसे हैं, जिन पर ढाई सौ करोड़ का खर्च आता है. इसमें आधा राज्य सरकार और आधा केंद्र सरकार वहन करती है. प्रदेश सरकार की इस नीति के साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि मदरसों में धांधली पर जल्द ही अंकुश लगेगा.

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