लखनऊ:लखीमपुर खीरी(Lakhimpur Kheri case) में किसानों की हुई मौत मामले में चल रहे बवाल के बीच सूबे की योगी सरकार और किसानों के बीच सहमति बन गई है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लखीमपुर खीरी में प्रशासन और किसानों के बीच चल रही बातचीत के बाद तय किया गया कि सभी मृतकों के परिजनों को सरकारी नौकरी दी जाएगी.
साथ ही 45-45 लाख रुपए प्रति परिवार आर्थिक सहायता मुआवजे के रूप में (Government job and financial assistance of Rs 45 lakh)दिया जाएगा. इसी तरह घायलों को इलाज और आर्थिक सहायता के रूप में 10 लाख रुपए की मुआवजा (10 lakh to the injured) राशि दिए जाने का फैसला लिया गया है.
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वहीं, सरकार की तरफ से कहा गया कि मृतक आश्रितों को सरकारी नौकरी और 45 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी और घटना की उच्च स्तरीय जांच रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में कराई जाएगी. साथ ही उक्त मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. सरकार की ओर से आश्वासन दिया गया है कि आठ दिनों के भीतर दोषियों की गिरफ्तारी की जाएगी और इस पूरी घटना की रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच कराई जाएगी.
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वहीं, सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा सहित मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी, प्रमुख सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी, डीजीपी मुकुल गोयल सहित तमाम बड़े अफसरों के साथ हाई लेवल मीटिंग की. सीएम ने पूरे प्रदेश को अलर्ट मोड पर रहने के लिए कहा है.
विपक्षी दलों के नेताओं की तरफ से लखीमपुर जाने के घटनाक्रम और लगातार चल रहे बवाल को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अलर्ट पर हैं और अधिकारियों को इस पूरी घटना की उच्च स्तरीय जांच कराए जाने के निर्देश भी दे रहे हैं. मुख्यमंत्री खुद इस पूरी घटना पर नजर बनाए हुए हैं, ताकि कोई अप्रिय स्थिति न बनने पाए.