लखनऊ: योगी सरकार श्रमिकों और कामगारों की घर वापसी करा रही है. इसके साथ ही उन्हें उनके गांव-कस्बे में ही रोजगार और नौकरी उपलब्ध कराने को लेकर 'लेबर रिफॉर्म कानून' लाने जा रही है. इसके अंतर्गत प्रवासी मजदूरों, श्रमिकों और अन्य किसी भी तरह के कामगारों को गांव और कस्बे में ही रोजगार दिया जा सकेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने 'लेबर फार्म कानून' में संशोधन करने का भी फैसला किया है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में हुई टीम-11 की बैठक में यह फैसला लिया गया. राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, 'सरकार श्रमिकों और कामगारों को रोजगार दिलाने के लिए संकल्पित है. इसके लिए लेबर रिफॉर्म कानून लाया जाएगा.'
20 लाख प्रवासी श्रमिकों का स्किलिंग डाटा किया जाएगा तैयार
शासन की तरफ से बताया गया है कि मजदूरों को नौकरियां और रोजगार देने की योजना बनाई गई है. सीएम योगी ने आज इसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर टीम-11 के साथ बैठक की है. बैठक में गैर राज्यों से आ रहे 20 लाख प्रवासी श्रमिकों और कामगारों का स्किलिंग डाटा क्वारंटाइन सेंटरों में ही तैयार करने के निर्देश भी दिए गए हैं. प्रदेश में अब तक 8 लाख प्रवासी श्रमिक-कामगार पहुंच चुके हैं. पिछले तीन दिनों में 80 ट्रेनों से करीब सवा लाख प्रवासी श्रमिक-कामगार यूपी पहुंचे हैं. इसके साथ ही आज 35 ट्रेनें प्रवासी कामगारों और श्रमिकों को लेकर यूपी आ रही हैं. प्रतिदिन 35 से 40 ट्रेनों से प्रवासी कामगार और श्रमिक आएंगे.
श्रमिकों की वापसी के लिए योगी सरकार ने की थी पहल
शासन की तरफ से बताया गया कि आनंद बिहार बस स्टेशन पर बसें भेजकर अपने कामगारों और श्रमिकों की सम्मानजनक वापसी के लिए सबसे पहले योगी सरकार ही आगे आई थी. अब क्वारंटाइन पीरियड पूरा होते ही सरकार उनके रोजगार और नौकरी की व्यवस्था करने में भी जुट गई है. उनको मनरेगा, ईंट-भट्ठों के अलावा चीनी मिलों और एमएसएमई सेक्टरों में रोजगार दिया जा रहा है. जिन लोगों में बीमारी के थोड़े भी लक्षण हैं, उन्हें कोविड-10 अस्पतालों में उपचार के लिए भेजा जा रहा है. शुक्रवार को राजस्थान से नौ हजार प्रवासी कामगारों और श्रमिकों को लाया गया. हरियाणा से 30 हजार प्रवासी कामगार और श्रमिक राज्य परिवहन निगम की बसों से आ रहे हैं.