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अपने एजेंडे पर सधे पांव आगे बढ़ रही है योगी सरकार

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi government) ने साफ कर दिया है कि वह बिना रुके जनता के किए वादों को पूरा करने की ओर बढ़ती रहेगी. सरकार प्रदेश को 'ईज ऑफ लिविंग' के पैमाने पर सर्वश्रेष्ठ बनाना चाहती है. प्रदेश में पर्याप्त निवेश आए, रोजगार के अवसर पैदा हों और शहरीकरण को भी बढ़ावा मिले सरकार इसी दिशा में काम कर रही है. योगी सरकार अपने एजेंडे पर सधे पांव आगे बढ़ रही है. पढ़ें यूपी के ब्यूरो चीफ आलोक त्रिपाठी का विश्लेषण...

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Published : Dec 6, 2022, 8:02 PM IST

Updated : Dec 6, 2022, 8:20 PM IST

लखनऊ : प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (yogi government) ने साफ कर दिया है कि वह बिना रुके जनता के किए वादों को पूरा करने की ओर बढ़ती रहेगी. विधानमंडल के शीतकालीन सत्र में 3376954.67 लाख का अनुपूरक बजट पास कराने के मौके पर दिए गए अपने भाषण में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कर दिया कि प्रदेश की विकास यात्रा अभी बहुत आगे जाने वाली है और इस यात्रा में कोई भी बाधा आने नहीं दी जाएगी. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि पचीस करोड़ की आबादी वाले सबसे बड़े राज्य के विकास के लिए बड़े विजन की भी जरूरत है. इसके लिए जरूरी है कि प्रदेश में पर्याप्त निवेश आए, रोजगार के अवसर पैदा हों और शहरीकरण को भी बढ़ावा मिले. सरकार इसी दिशा में काम कर रही है.



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने विधानसभा में घोषणा की कि वह प्रदेश के अठारह शहरों को 'सेफ सिटी' के रूप में विकसित करेंगे. इसके लिए सरकार ने बजट में चार हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया है. सरकार प्रदेश को 'ईज ऑफ लिविंग' के पैमाने पर सर्वश्रेष्ठ बनाना चाहती है. वहीं 2025 में होने वाले प्रयागराज कुंभ को 'ग्लोबल यूनीक इवेंट' के रूप में प्रस्तुत करने की योजना है. योगी आदित्यनाथ ने पहले भी महाकुंभ का सफल आयोजन कर देश-दुनिया में अपनी प्रबंधन क्षमता को लोहा मनवाया था. सरकार लोक कल्याण और विकास का एजेंडा लेकर चल रही है, हालांकि सुशासन के स्तर पर सरकार को अभी काफी कुछ करने की जरूरत है. निचले स्तर पर भ्रष्टाचार और रिश्वत का दायरा बढ़ा है. थाना और तहसीलों के स्तर पर गरीब जनता का शोषण रोकने और रिश्वतखोरी पर नकेल कसने के लिए सरकार को कड़े कदम उठाने की जरूरत है. वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट इस अनुपूरक बजट के बाद साढ़े छह लाख करोड़ का हो गया है.

विधानसभा का शीतकालीन सत्र

प्रदेश को $1 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है. इसी कड़ी में राजधानी लखनऊ में दस से 12 फरवरी तक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री और उनके प्रमुख सहयोगी खुद इसके लिए विदेश जाकर निवेशकों को आमंत्रित करेंगे. अर्थव्यवस्था के स्तर पर सरकार हर वह कदम उठा रही है, जिससे उसका लक्ष्य पूरा हो सके. हां, इसके लिए सरकार को निवेश की रफ्तार में और तेजी लाने की जरूरत है. कानून व्यवस्था और बिजली की उपलब्धता में सुधार के लिए सरकार ने पर्याप्त कदम उठाए हैं. आधारभूत ढांचा भी बेहतर हुआ है. प्रदेश में एक्सप्रेस वे का जाल बिछाया जा रहा है. उत्तर प्रदेश छह एक्सप्रेस वे वाला पहला राज्य बन गया है. सातवें पर काम चल रहा है. यह सब ऐसे मुद्दे हैं, जो निवेशकों को अपनी ओर आकर्षत करते हैं. यही नहीं सरकार ने निवेशकों को लुभाने वाली कई योजनाएं भी बनाई हैं. उम्मीद की जा सकती है कि निकट भविष्य में सरकार को इसका लाभ मिलेगा. सरकार का दावा है कि साढ़े पांच साल के उसके कार्यकाल में प्रदेश में चार लाख करोड़ से ज्यादा का निवेश हो चुका है.



कानून व्यवस्था के मोर्चे पर उत्तर प्रदेश की सराहना देशभर में हुई है. कई राज्य यूपी के इस मॉडल को अपना भी रहे हैं. सरकार ने माफिया और अपराधियों के खिलाफ पहले दिन से सख्त रुख अपनाया है. बावजूद इसके कुछ ऐसे विषय हैं, जहां अब तक सरकार के प्रयास नाकाफी साबित हुए हैं. इनमें से एक है नदियों को प्रदूषण से मुक्त कराना. 'अविरल गंगा' का सपना आजतक बनारस में भी साकार नहीं हो पाया है, जहां से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद हैं. ऐसे में प्रदेश के अन्य शहरों की बात क्या ही की जाए. गंगा में नाले गिरने का क्रम बदस्तूर जारी है. इस दिशा में बातें ज्यादा और काम बहुत कम हुआ है. जब सरकार गंगा को ही निर्मल नहीं कर सकी तो अन्य नदियों के विषय में चर्चा ही व्यर्थ है. सरकार को इन विषयों पर ध्यान देना होगा.

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Last Updated : Dec 6, 2022, 8:20 PM IST

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