लखनऊ: भगवान राम और उनके आदर्शों का भारत तो गुणगान करता ही है, इसके साथ ही उनकी लीलाओं को देख अभिभूत भी होता है. उनके आदर्श और लीलाओं के माध्यम से मात्र भारत में ही नहीं, बल्कि दुनिया के कई देशों में भगवान राम के चरित्र का अद्भुत बखान किया गया है. यही वजह है भगवान राम की लीलाओं पर आधारित रामलीला 2005 में यूनेस्को द्वारा विश्व विरासत घोषित की गई. इस विरासत को आगे बढ़ाने में योगी आदित्यनाथ सरकार ने नई पहल शुरु की है. इस पहल के माध्यम से विभिन्न देशों के लगभग 400 बच्चों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिसे ग्लोबल रामलीला फैमिली कहा जाएगा.
यूपी सरकार की ग्लोबल पहल, रामलीला फैमिली से जुड़ेंगे सात देशों के 400 बच्चे - उत्तर प्रदेश खबर
करीब 500 साल पूर्व गोस्वामी तुलसीदास द्वारा शुरू कराई गई रामलीला को दुनिया भर में पहुंचाने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने कलाकरों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण शुरू किया है. इस प्रशिक्षण में सात देशों के करीब 400 बच्चे शामिल हो रहे हैं. इस मुहिम को ग्लोबल रामलीला फैमिली का नाम दिया गया है.
गोस्वामी तुलसीदास जी ने उस वक्त भगवान के चरित्र पर आधारित श्रीरामचरित मानस जैसे काव्य ग्रंथ की वेहद सरल भाषा मे रचना की जब भारत पर मुगलों का शासन था. उसी समय गोस्वामी जी ने राम के मर्म को समझा और रामलीला शुरू कराई. जाति, धर्म मजहब से ऊपर उठकर लोग रामलीलाओं के मंचन से लेकर दर्शक दीर्घा में शामिल हुए. रामलीला मंचन के माध्यम से मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के चरित्र को घर-घर पहुंचाया. इसके माध्यम से मानव मूल्य, सामाजिक मूल्य आम जनता तक पहुंच रहे हैं. रामलीला की सबसे बड़ी विशेषता है कि आज भी इसे देखने के लिए अमीर, गरीब और सारे धर्मों के लोग आते हैं.
कैलिफोर्निया में 42 वर्षों से हो रही रामलीला
अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉक्टर वाईपी सिंह ने बताया कि दूसरे देशों के स्कूलों में रामलीला अनिवार्य है. कैलिफोर्निया में 42 साल से बच्चे जून माह में दो दिन की रामलीला करते हैं. इसमें 300 से 400 बच्चे खुद तैयारी कर रामलीला का मंचन करते हैं. ऐसे ही कैरीबियन देशों में बच्चे रामलीला करते हैं. वहां अभिभावक उन्हें पूरी मदद करते हैं. यूरोपियन देशों के बड़े मैदान में तेज ध्वनि और तेज प्रकाश में रामलीला का मंचन करते थे.
गायिकी और मंचन वाली रामलीला का विस्तार
उन्होंने बताया कि भारत सरकार संस्कृति मंत्रालय ने हम लोगों को धनराशि दी और करीब आठ-नौ वर्षों से हम दूसरे देशों में रामलीला को ले गए, तो उन लोगों को हमारी संवाद वाली रामलीला पसंद आई. उन्होंने इच्छा जताई कि हम लोग भी रामलीला करेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चाहते हैं कि रामलीला की गायिकी और मंचन वाली रामलीला का प्रचार प्रसार दुनिया भर में हो, सरकार के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी इस कार्यक्रम को अपनी देखरेख में आगे बढ़ा रहे हैं.
इजराइल समेत सात देशों के बच्चे हो रहे शामिल
कोविड की वजह से लोग अपने घरों में हैं और कोविड-19 की ही वजह से यह संभव हुआ कि एक साथ सात देशों के इतनी बड़ी संख्या में बच्चे एकत्र हो पा रहे हैं. इसमें वेनेजुएला, इजरायल, फिजी, सूरीनाम, त्रिनिदाद, गुयाना, मारीशस देशों के बच्चे तैयार होकर सुबह सात बजे से रामलीला का प्रशिक्षण लेते हैं. यह प्रशिक्षण अगले छह महीने तक प्रत्येक रविवार को दिया जाएगा. अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डॉ वाईपी सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के लिए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से 15 वरिष्ठ विशेषज्ञ कलाकारों का चयन किया गया है. वे इन बच्चों को ऑनलाइन प्रशिक्षण दे रहे हैं. प्रशिक्षण अगले छह माह तक चलेगा प्रत्येक रविवार को तीन घंटे का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया जाएगा.
विदेशों के 400 बच्चे हो रहे शामिल
प्रशिक्षण हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में दिया जा रहा है. रामचरित मानस पर आधारित इस रामलीला को सीखने के लिए सात देशों के करीब 400 बच्चे भाग ले रहे हैं. इस पूरे कार्यक्रम को अब ग्लोबल रामलीला फैमिली प्रशिक्षण का नाम दिया गया है. इस ग्लोबल रामलीला फैमिली के सभी सदस्य एक दूसरे के संपर्क में हैं. ऑनलाइन और टेलीफोनिक संवाद कायम करते हैं. एक दूसरे का मंचन देखते हैं और चर्चा-परिचर्चा करते हैं. एक और खास बात यह कि जिस देश के कलाकार बेहतर मंचन और गायन कर सकेंगे, उन्हें भारत भी लाया जाएगा. संस्थान की ओर से सभी सात देशों को यह प्रस्ताव दिया गया है.