लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में एक कैबिनेट मंत्री इन दिनों खासे परेशान हैं. अपनी परेशानी को दूर करने के लिए राजधानी लखनऊ से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक बड़े नेताओं के दर पर दस्तक दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि मंत्री से बिना पूछे ही प्रयागराज में डिप्टी सीएम ने विपक्षी दल के एक नेता की ज्वाइनिंग करा दी. साथ ही इस बार पत्नी का मेयर का टिकट भी बीजेपी ने साफ कर दिया. लिहाजा, मंत्री नाराज भी हैं और परेशान भी. सूत्र बताते हैं कि अब योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी को उत्तर प्रदेश से सहायता की उम्मीद कम नजर आ रही है. ऐसे में वे दिल्ली दरबार में उम्मीद के साथ अपनी शिकायत दर्ज कराने पहुंचे हैं.
उत्तर प्रदेश का प्रयागराज जिला इन दिनों कई मामलों के चलते चर्चा में है. पहला मामला उमेश पाल की हत्या के बाद पैदा हुए घमासान का है. इसमें माफिया अतीक उसके भाई अशरफ, बेटे असद और शूटर गुलाम मोहम्मद का खात्मा हो चुका है, जबकि अतीक की पत्नी शाइस्ता और शूटर गुड्डू मुस्लिम की तेजी से तलाश जारी है. सभी की निगाहें इसी तरफ टिकी हैं.
इसी बीच स्थानीय निकाय चुनाव के जब टिकट घोषित किए गए तो प्रयागराज फिर से चर्चा में आ गया. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री नंदलाल गुप्ता "नंदी" को अपनी पत्नी अभिलाषा नंदी के लिए फिर से मेयर का टिकट मिलने की पूरी उम्मीद थी लेकिन जब सूची आई तो नंदी को जोरदार झटका लगा. पत्नी को टिकट ही नहीं मिला. तब भी किसी तरह मंत्री जी बर्दाश्त कर ले गए, लेकिन एक दिन पहले प्रयागराज में केशव प्रसाद मौर्य पहुंचे और उन्होंने पार्टी के एक कार्यक्रम में रईस चन्द्र शुक्ल को भाजपा में ज्वाइन करा लिया. जहां पर ये कार्यक्रम था वहां से नंदी ही विधायक हैं और उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं दी गई. इससे उन्हें काफी बुरा लगा है. इसके चलते उनकी दौड़ दिल्ली तक शुरू हो गई है.