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दागी IPS अफसरों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के मूड में नहीं योगी सरकार

अपने कामकाज को लेकर विवादों में रहे 8 आईपीएस अफसरों को योगी सरकार ने निलंबित कर दिया था. इनमें से तीन अफसरों का निलंबन खत्म हो गया है, लेकिन सरकार इन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के मूड में नहीं है.

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

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Published : Mar 7, 2021, 3:50 PM IST

लखनऊःयोगी सरकार IPS अफसरों पर सख्त रवैया अपना रही है. अपने कामकाज को लेकर विवादों में रहे 8 आईपीएस अफसरों को योगी सरकार ने निलंबित कर भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा संदेश दिया था. अब 8 में से तीन अफसरों का निलंबन खत्म हो गया है लेकिन सरकार इन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने के मूड में नहीं है. हालांकि इन्हें पंचायत चुनाव निपटाने की जिम्मेदारी देने की बात चल रही है. वहीं, बचे 5 निलंबित IPS अफसर गंभीर मामलों में लिप्त पाए गए हैं. सूत्रों की माने योगी सरकार इन दागी आईपीएस अफसरों के बहाली के बारे में फिलहाल कोई निर्णय लेने के मूड में नहीं है. इस बाबत अपर प्रमुख सचिव गृह अवनीश अवस्थी से जब बात की गई तो उन्होंने कुछ बोलने से इंकार कर दिया.

वैभव कृष्णा को मिल सकती है पंचायत चुनाव में जिम्मेदारी
नोएडा के एसएसपी रहे 2010 बैच और एसपी रैंक के वैभव कृष्णा का निलंबन खत्म हो गया है. उन्हें पिछले साल सरकारी दस्तावेज लीक करने के मामले में निलंबित किया गया था. कृष्णा का एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वे बेहद आपत्तिजनक स्थितियों में दिखाई दे रहे थे. अब वैभव कृष्णा को पंचायत चुनाव में नई जिम्मेदारी दी जा सकती है.

विक्रांत वीर को जल्द मिल सकती है तैनाती
2014 बैच के आईपीएस विक्रांत वीर को हाथरस में दलित लड़की के बलात्कार और हत्या कांड के बाद सरकार ने निलंबित कर दिया था. एक माह पहले इन्हें बहाल कर दिया गया. लेकिन, अभी तक तैनाती नहीं मिल पायी है. सूत्रों के अनुसार विक्रांत वीर को जल्दी ही तैनाती दी जायेगी, क्योंकि प्रदेश में पंचायत के चुनाव हैं.

सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज पर सरकार नरम
2010 बैच के आईपीएस सत्यार्थ अनिरुद्ध पंकज निलंबित तो नहीं हुए थे लेकिन, सरकार ने इन्हें पिछले ही साल वेटिंग में डाल दिया था. इनपर आरोप लगे थे कि इन्होंने कोरोना पीड़ित को अपने घर में रखा और इस बात को छुपाये रखा. बाद में खुद भी कोरोना संक्रमित हो गये और अपने स्टाफ को भी संक्रमित कर दिया. सरकार ने सत्यार्थ की बहाली पर विचार-विमर्श कर रही है लेकिन अभी किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है.


आनंद देव जल्द हो सकती बहाली
2006 बैच और DIG रैंक के अनंत देव को सरकार ने कानपुर के बिकरू कांड में विकास दुबे के खजांची जय बाजपेई के साथ उनकी फोटो वायरल होने पर निलंबित कर दिया था. 12 नवंबर 2020 से निलंबित चल रहे हैं. अनंत देव पर लापरवाही के आरोप लगे थे. फिलहाल इनकी बहाली अभी नहीं हुई है. लेकिन, सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनाव से पूर्व बहाली हो सकती है.


दिनेश चंद दुबे की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही
2003 बैच और DIG रैंक के आईपीएस दिनेश चंद दुबे पशुधन विभाग में ठगी के मामले में निलंबन किया गया था. दिनेश पर आरोप था कि वह अपने प्रभाव से खास लोगों को टेंडर दिलाते थे और हिस्सेदारी लेते थे. उन्हें निलंबित हुए 6 महीने बीत चुके हैं, अभी तक बहाली नहीं हो पायी है और सरकार इनकी बहाली पर कोई निर्णय लेने के मूड में भी नहीं है.

पेंडिंग लिस्ट में अभिषेक दीक्षित
2006 बैच और एसपी रैंक के आईपीएस अभिषेक दीक्षित को योगी सरकार ने 8 सितम्बर 2020 को निलंबित कर दिया था. पिछले 6 महीने से ये भी निलंबन खत्म होने और अपनी बहाली का इंतजार कर रहे हैं. अभिषेक पर ट्रांसफर, पोस्टिंग में पैसे खाने के आरोप लगे थे. इस प्रकरण से भी सरकार की मीडिया में जबरदस्त किरकिरी हुई थी. इन्हें भी फिलहाल सरकार पेंडिंग में डाले हैं.

भ्रष्टाचार में निलंबित मणिलाल पाटीदार पर इनाम घोषित
2014 बैच और एसपी रैंक के आईपीएस मणिलाल पाटीदार को योगी सरकार ने 9 सितम्बर 2020 को निलम्बित कर दिया था. इनका निलंबन खत्म होने की सूरत तो दिखाई नहीं दे रही है, अलबत्ता सरकार का शिकंजा और कसता जा रहा है. भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों में घिरे पाटीदार पर सरकार ने इनाम तक घोषित कर रखा है. फिलहाल इनकी बहाली असंभव सी दिख रही है.


जसवीर सिंह की बहाली मुश्किल
1992 बैच के ADG रैंक के आईपीएस जसवीर सिंह का निलंबन खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. 14 फरवरी 2019 को निलम्बित हुए थे लेकिन अभी तक बहाली नहीं हुई है. सरकार को लेकर दिये गये विवादास्पद बयान के चलते योगी सरकार ने इन्हें निलम्बित कर दिया था. चर्चा ये है कि इस सरकार में तो निलंबन वापस होना मुश्किल है.

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