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योगी सरकार की आबकारी से जबरदस्त कमाई, एक माह में 20 फीसदी उछाल - up excise department

यूपी में पिछले एक माह में शराब से हासिल राजस्व में 20 फीसदी का उछाल आया है. सरकार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के अगस्त महीने में 12,089 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई. इसमें आबकारी विभाग से सरकार को 2,432 करोड़ की राजस्व की कमाई हुई है.

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Published : Sep 14, 2021, 9:38 AM IST

लखनऊ: यूपी में पिछले एक माह में शराब से हासिल राजस्व में 20 फीसदी का उछाल आया है. सरकार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के अगस्त महीने में 12,089 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हुई, जिसमें आबकारी विभाग से सरकार को 2,432 करोड़ की राजस्व की कमाई हुई है, जबकि वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब की दुकानों पर लगे लाइसेंस शुल्क और आबकारी कर से कुल 30,061 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल किया है. पिछले वर्ष राज्य में शराब से हासिल राजस्व 17,320 करोड़ रुपये था. यूपी में साढ़े चार साल में शराब से हासिल राजस्व में 74 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. अवैध शराब की बिक्री और कालाबाजारी पर रोक को भी राजस्व वृद्धि का एक प्रमुख कारण माना जा रहा है.

प्रमुख सचिव आबकारी संजय भुसरेड्डी के मुताबिक, अगस्त 2021 में सरकार को 12,089 करोड़ रुपये राजस्व मिला है, जो 2020 अगस्त के मुकाबले 2,544 करोड़ रुपये अधिक है. इसमें सिर्फ आबकारी विभाग से अगस्त 2021 में 2,432 करोड़ रुपये का राजस्व मिला है. हालांकि, अगस्त माह के लिए सरकार ने जो लक्ष्य तय किया था उसके मुकाबले 87 फीसदी ही राजस्व की प्राप्ति हुई है. इसमें भी सबसे बड़ा हिस्सा जीएसटी का रहा है. प्रदेश सरकार को अगस्त महीने में जीएसटी से 4.814 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है, जबकि वैट से सरकार को कुल 2,461 करोड़ का राजस्व मिला है. अगस्त महीने में आबकारी विभाग से राजस्व प्राप्ति का जो लक्ष्य तय किया गया था, उसके मुकाबले थोड़ी गिरावट देखने को मिली है. आबकारी विभाग के लिए अगस्त महीने में सरकार ने 2,756 करोड़ का लक्ष्य तय किया था. इसके मुकाबले सरकार को 2,432 करोड़ रुपये की ही कमाई हुई. हालांकि 2020 अगस्त के मुकाबले यह 122 करोड़ अधिक है.

उत्तर प्रदेश के आबकारी विभाग के मुताबिक, यह लाइसेंस चार अलग-अलग तरह की खुदरा दुकानों के लिए दिए जाते हैं. देसी शराब, विदेशी शराब, बीयर शॉप और मॉडल शॉप. योगी सरकार के साढ़े चार साल के दौरान वित्त वर्ष 2017-18 से 2020-2021 के बीच शराब की 2,312 नई दुकानों को लाइसेंस मिला है. इसके पहले की अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली सरकार के पांच साल की अवधि 2013 से 2017 की बात करें, तो प्रदेश में शराब की 2,566 नई दुकानों को लाइसेंस मिला था. सपा सरकार में राज्य सरकार का राजस्व 22,377 करोड़ रुपये से बढ़कर 24,943 करोड़ रुपये हो चुका था. यानी इसमें करीब 11.5 फीसदी की बढ़त हुई थी. उनके पहले की बसपा प्रमुख मायावती के नेतृत्व वाली सरकार ने वर्ष 2007-12 के दौरान 3,621 नई शराब की दुकानों को लाइसेंस दिया था. इस दौरान राज्य सरकार का शराब से राजस्व 106 फीसदी बढ़कर 3,948 करोड़ से 8,139 करोड़ रुपये तक पहुंच गया था. पिछले 15 साल में यूपी सरकार का शराब से राजस्व 8,139 करोड़ रुपये से बढ़कर 30,061 करोड़ रुपये हो चुका है.

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आबकारी विभाग के एक्सपर्ट व एडवोकेट नीरज त्रिपाठी का कहना है कि राजस्व में वृद्धि का कुछ हद तक कारण शराब की खपत में वृद्धि, उत्पादन में वृद्धि और सरकार की नई आबकारी नीति है. नई आबकारी नीति से बाजार को विनियमित किया गया और काले कारोबार पर नियंत्रण किया गया. हालांकि आबकारी विभाग के लिए अगस्त महीने में सरकार ने 2,756 करोड़ का लक्ष्य तय किया था. इसके मुकाबले सरकार को 2,432 करोड़ रुपये की ही कमाई हुई है, जबकि 2020 अगस्त के मुकाबले यह 122 करोड़ अधिक है.

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