लखनऊ: कृषि उत्पादन आयुक्त आलोक सिन्हा ने मंगलवार को आम उत्पादन और इसके विपणन व्यवस्था की समीक्षा की. इस मौके पर उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह आम की प्रमुख प्रजातियों का जीआई पंजीकरण कराएं, जिससे किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य प्राप्त हो सके. किसान मंडी में भीड़ लगाने के बजाय सरकार की ओर से आम बिक्री को टैक्स फ्री किए जाने का फायदा उठाएं और अपना माल सीधे बाजार में भेजें.
आम प्रजातियाों का वर्गीकरण
आलोक सिन्हा ने कहा कि विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वह आम उत्पादक किसानों को उचित मूल्य दिलाने के लिए प्रयास करें. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में उत्पादित होने वाली आम की प्रमुख प्रजातियां दशहरी, लंगड़ा, चौसा और रटोल का वर्गीकरण गुणवत्ता और स्वाद के आधार पर कराया जाना चाहिए. इसके लिए विशेषज्ञ नामित किए जाएं जो स्वाद के आधार पर वर्गीकरण कर सकें.
विशेष सेल का गठन
कृषि उत्पादन आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आम फल पट्टी उत्पादन क्षेत्रों में एक हाउस की स्थापना कराई जाए, जिससे किसानों को अपनी उपज का बेहतर मूल्य मिल सके. आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वह 'आम विकास' की योजना तैयार कर प्रस्तुत करें, जिससे किसानों को लाभ दिलाया जा सके. उन्होंने अधिकारियों से यह भी कहा कि वह आम की बिक्री को मंडी शुल्क मुक्त किए जाने की जानकारी भी उत्पादक किसानों तक पहुंचाएं, जिससे मंडी परिसर में भीड़ को कम किया जा सके. गुणवत्तापूर्ण आम के उत्पादन और इसके प्रसंस्करण को बढ़ाने के लिए निदेशालय के स्तर पर एक विशेष सेल का गठन किया जाएगा.