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ओडीओपी योजना से योगी सरकार ने 25 लाख लोगों को दिया रोजगार

योगी सरकार ने अपने चार साल के कार्यकाल में चार लाख सरकारी नौकरी देने का रिकॉर्ड बनाया है. सरकारी नौकरी से कहीं ज्यादा योगी सरकार ने रोजगार देकर प्रदेश की जनता के हाथ मजबूत किए हैं. इसमें मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत 25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है.

योगी सरकार के 4 साल
योगी सरकार के 4 साल

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Published : Mar 18, 2021, 10:54 PM IST

लखनऊ : योगी सरकार ने एक जनवरी 2018 को ओडीओपी योजना की शुरुआत की थी. देखते देखते महज तीन वर्षों में ही यूपी की ओडीओपी योजना देश में अलग पहचान बना ली. पीएम मोदी इस योजना से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने अन्य राज्यों को भी इसे लागू करने का सुझाव दिया है. योगी ने अपने चार साल के कार्यकाल में चार लाख सरकारी नौकरी देने का रिकार्ड बनाया है. सरकारी नौकरी से कहीं ज्यादा योगी सरकार ने रोजगार देकर प्रदेश की जनता के हाथ मजबूत किए हैं. इसमें मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना एक जनपद एक उत्पाद (ओडीओपी) के तहत 25 लाख से अधिक लोगों को रोजगार दिया गया है.

ओडीओपी योजना से 25 लाख लोगों को रोजगार मिले
ओडीओपी योजना के तहत संचालित योजनाएं

प्रदेश के जिलों के विशिष्ट उत्पादों के समग्र विकास के लिए प्रदेश सरकार ने 24 जनवरी 2018 को ओडीओपी नाम से यह महत्वाकांक्षी योजना शुरू की. इस योजना के तहत उत्पाद विशेष के समग्र विकास के लिए ऋण योजना, प्रशिक्षण एवं टूलकिट योजना, विपणन सहायता योजना व कामन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी) योजना संचालित की जा रही है.

पहली बार ओडीओपी समिट

वर्ष 2018 के अगस्त माह में पहली बार इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान लखनऊ में ओडीओपी समिट का आयोजन किया गया. इस आयोजन में राष्ट्रपति शामिल हुए. समिट में 4095 लाभार्थियों को लगभग 1006.94 लाख रुपये का ऋण वितरित किया गया. 206 ओडीओपी हस्तशिल्पियों द्वारा उनके उत्पादों का प्रदर्शन व 20 हस्तशिल्पियों का लाइव डिमांस्ट्रेशन भी कराया गया.

सभी 75 जिलों की सहभागिता

उत्पाद आधारित क्षेत्रीय ओडीओपी समिट का आयोजन किया गया. इस समिट में सभी 75 जिलों की सहभागिता हुई. समिट में 16965 ओडीओपी लाभार्थियों को 3835.89 लाख रुपए का ऋण वितरित किया गया. एक लाख 74 हजार 226 नान ओडीओपी लाभार्थियों को 14508.98 लाख रुपये का ऋण वितरित किया गया. इस प्रकार वित्तीय वर्ष 2018-19 में एक लाख 91 हजार 191 लाभार्थियों को कुल 18344.87 लाख रुपये का ऋण वितरित किया गया.

ओडीओपी मार्जिन मनी ऋण अनुदान योजना

ओडीओपी मार्जिन मनी ऋण अनुदान योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2018-19 में 916 लाभार्थियों को 16060 लाख रुपये के ऋण के सापेक्ष 3149.71 लाख का लोन वितरित किया गया.

वित्तीय वर्ष 2019-20 में योजना के तहत 1442 लाभार्थियों को 22 हजार 830 लाख के सापेक्ष 4354 लाख का ऋण वितरित किया गया. इसके माध्यम से लगभग 20 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया है.

योजना के तहत वर्ष 2020-21 में 1079 लाभार्थियों को 14060 लाख के ऋण के सापेक्ष 4826 लाख का लोन वितरित किया गया है. इसके माध्यम से लगभग 14 हजार लोगों को रोजगार मिला है.

कौशल विकास एवं टूल किट वितरण

वित्तीय वर्ष 2018-19 में योजना के तहत 5944 लाभार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया. उन्हें टूलकिट भी वितरित किया गया. वहीं 2019-20 में निर्धारित लक्ष्य 20 हजार के सापेक्ष 19 हजार 529 लाभार्थियों को कौशल विकास का प्रशिक्षण और 12 हजार 900 लोगों को टूल किट वितरित किया गया. जबकि 2020-21 में 16000 लाभार्थियों का कौशल उन्नयन कराया गया है. 5800 लाभार्थियों को टूलकिट दिया गया है. बचे हुए लोगों को टूल किट वितरित किया जा रहा है.

ओडीओपी सामान्य सुविधा केंद्र (cfc) प्रोत्साहन योजना

इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2019-20 में सीएफसी स्थापना के लिए 13 जिलों आजमगढ़, उन्नाव, सिद्धार्थनगर, संभल, अंबेडकर नगर, आगरा, मुरादाबाद (दो प्रस्ताव), बरेली, सहारनपुर, लखनऊ, वाराणसी, अलीगढ़ एवं सीतापुर के 14 प्रस्ताव तैयार किए गए. इन प्रस्तावों की परियोजना लागत 92.07 करोड़ है. इसके लिए पहली किस्त के रूप में 17.62 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है. वाराणसी में वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार ने 9 सीएफसी के पुनर्जीवीकरण के लिए रिवाल्विंग वर्किंग कैपिटल असिस्टेंट के रूप में 1.05 करोड़ का भुगतान किया है. उन्नाव में जरी जरदोजी क्लस्टर के लिए गैप फंडिंग के रूप में 15.53 चार लाख का भुगतान किया गया है.

ओडीओपी के लिए हुए एमओयू

  • ई-पोर्टल पर उत्पादों की मार्केटिंग के लिए अमेजॉन, फ्लिपकार्ट एवं ईबे (eBay) के साथ एमओयू किया गया है.
  • ओडीओपी उत्पादों को जिलावार मैप करने एवं उत्पादों, उत्पादकों की विशिष्ट समस्याओं के निराकरण के लिए एकेटीयू के साथ एमओयू किया गया है.
  • गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (सीक्यूआई) तथा पूंजी उपलब्धता के लिए एनएसई तथा बीएसई के साथ भी एमओयू कराए गए हैं.
  • यूपीएसआरएलएम के साथ एमओयू किया गया है. इसके तहत विभिन्न जिलों में स्वयं सहायता समूह के माध्यम से दोनों विभागों की योजनाओं की डेवटेलिंग की जा रही है.
  • बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ एमओयू किया गया है. उक्त के क्रम में बैंक ऑफ बड़ौदा ओडीओपी उत्पादों के लिए एक वर्चुअल प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है.
  • ओडीओपी उत्पादों के इकोसिस्टम को विकसित करने, उनके वित्त पोषण व विकास के लिए सिडबी के साथ एमओयू किया गया है.

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