लखनऊः महिलाओं और बच्चों के प्रति बढ़ रहे अपराध ने सरकार की नींद उड़ा दी है. उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने महिलाओं और बच्चों के प्रति घृणित अपराध के लिए 218 नए फास्ट ट्रैक कोर्ट खोलने का निर्णय लिया था. इसके लिए 218 नए अपर सत्र न्यायाधीश स्तर के पदों का सृजन किया गया है. उनके सहयोगी स्टाफ और वेतन आदि की कैबिनेट ने स्वीकृति प्रदान कर दी है.
वहीं आंध्र प्रदेश की सरकार ने भी महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक कदम आगे बढ़ाया है. हैदराबाद में दिशा गैंग रेप के बाद आंध्र सरकार ने आंध्र प्रदेश दिशा बिल 2019 ( आंध्र प्रदेश आपराधिक कानून ( संशोधन) अधिनियम 2019) पास कर दिया है. इस बिल के तहत रेप और गैंगरेप करने वाले दोषियों को मौत की सजा दी जाएगी. साथ ही मामले की सुनवाई 21 दिनों के भीतर पूरी की जाएगी.
न्याय के मामले में कहां खड़ा है यूपी
यूपी के कानून मंत्री ने बताया कि इससे पहले यूपी में जो महिला कोर्ट चल रहे थे, उसमें महिलाओं से जुड़े यौन हिंसा के साथ-साथ अन्य मामलों की भी सुनवाई होती थी. इससे कोर्ट पर भार अधिक था और दुष्कर्म जैसे गंभीर मामलों में शीघ्र निर्णय नहीं हो पाता था. इसलिए योगी सरकार ने फास्ट ट्रैक कोर्ट के स्थापित करने का निर्णय लिया है.