लखनऊः प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार इन दिनों अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. प्रदेश सरकार माफियाओं और कुख्यात अपराधियों के खिलाफ बीते एक साल के भीतर जमकर कार्रवाई की है. जिसका असर भी साफ तौर पर दिखाई दे रहा है. जनता में अब पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है, तो कानून-व्यवस्था भी पहले की अपेक्षा ज्यादा सुधरी है. वहीं पुलिस इन दिनों अपराधियों को चिन्हित करके उनके गैंग और अन्य अपराधी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है. इसी का है परिणाम है कि अब तक गैंगस्टर वादों में निरुद्ध आरोपियों की 733 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया गया है. जो प्रदेश सरकार के लिए एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है.
अपराधियों के खिलाफ योगी सरकार का हंटर, एक साल में अरबों की संपत्ति कुर्क
प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार इन दिनों अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है. प्रदेश सरकार माफियाओं और कुख्यात अपराधियों के खिलाफ बीते एक साल के भीतर जमकर कार्रवाई की है. पुलिस ने अपराधियों की 733 करोड़ की संपत्ति एक साल में कुर्क की है.
अपराधियों की 733 करोड़ की संपत्ति कुर्क
प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद पुलिस ने माफियाओं और गिरोह बंद गतिविधियों में लिप्त कुख्यात अपराधियों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया है. जिसके चलते उनकी कमर टूट गई है. इसी क्रम में 1 जनवरी 2020 से 26 दिसंबर 2020 तक चिन्हित किए गए, माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई हुई है. वहीं उनके सहयोगियों की गैंगस्टर वादों में धारा 14 के अंतर्गत 733 करोड़ की संपत्ति को कुर्क करने में सफलता मिली है. जिसे पुलिस और यूपी सरकार की बड़ी कामयाबी के रूप में देखा जा रहा है.
'लखनऊ में सबसे अधिक संपत्तियां कुर्क'
प्रदेश सरकार के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि धारा 14 के अंतर्गत की जाने वाली कार्रवाई में प्रदेश के टॉप टेन जिलों में कुर्क की गई संपत्तियों के मामले में लखनऊ सबसे आगे है. यहां पुलिस ने कुख्यात अपराधी और उनके गैंग के खिलाफ जमकर कार्रवाई की. जबकि गौतम बुद्ध नगर दूसरे नंबर पर है. वहीं बलरामपुर तीसरे नंबर पर है .इस प्रकार अपराधियों की कुल 733 करोड़ की संपत्ति को कुर्क किया गया है.