लखनऊ: सीएम योगी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में 33 फैसले लिए गए. महिलाओं और बच्चों के प्रति होने वाले अपराधों में दोषियों को सजा दिलाने के लिए 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट शुरू किए जाएंगे. इसके लिए बजटीय प्रावधान से लेकर पीठासीन अधिकारियों की तैनाती तक के प्रावधान कर दिए गए हैं. सरकर कैबिनेट की सूचना हाईकोर्ट को आज ही दे देगी. प्रदेश में खुलने वाले फास्ट ट्रैक कोर्ट जल्द ही अपना काम शुरू कर देंगे.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया लिंक एक्सप्रेस से जोड़ा जाएगा
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को बलिया से जोड़ने के लिए बलिया लिंक एक्सप्रेस का प्रस्ताव पास हुआ है. उसकी डीपीआर बनाने का प्रस्ताव कैबिनेट में रखा गया. इसे मंजूरी मिल गई है. डीपीआर बनाने में एक करोड़ खर्च आएगा. 35 से 40 किलोमीटर लंबी सड़क होगी. करीब छह महीने के अंदर डीपीआर तैयार की जाएगी. 40 करोड़ रुपये प्रति किलोमीटर से करीब 16 सौ करोड़ रुपये खर्च आएगा.
उद्यमियों की जमा राशि की 10 फीसदी धनराशि होगी ब्याज मुक्त
पहले यूपी सीएसटी और वैल्यू एडेड टैक्स (वैट) लागू था और इसको जमा करने वाले उद्यमियों को जमा राशि की 10 फीसदी धनराशि ब्याजमुक्त होती थी. जीएसटी लागू होने के बाद यह तय नहीं हो पा रहा था. अब यह निर्णय लिया गया है कि स्टेट जीएसटी में भी जमा की गई धनराशि का 10% राशि ब्याजमुक्त ऋण के रूप में दी जाएगी.
महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराध के लिए 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जाएंगे
विधि मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा महिलाओं के प्रति अपराध से मुख्यमंत्री चिंतित हैं. सरकार सभी अपराधियों के खिलाफ कानून पालन कराने के निर्देश दिए हैं. सीएम ने यह भी कहा है कि ऐसी बातों को देखते हुए उनके शीघ्र निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट केवल उन्हीं मामलों की सुनवाई के लिए, जिसमें महिलाओं के प्रति अपराध और बच्चों के अपराध के लिए अलग से कोर्ट बनाए जाएं. 218 फास्ट ट्रैक कोर्ट खोले जा रहे हैं. 144 कोर्ट रेगुलर कोर्ट होंगे जो केवल दुष्कर्म के मामले देखेंगे. इसके अलावा बच्चों के प्रति अपराध के लिए 74 पॉक्सो कोर्ट बनाए जाएंगे.
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63 लाख रुपये प्रति कोर्ट हर साल आएगा खर्च
पीठासीन अधिकारियों के 218 पद भरे जाएंगे. उनका स्टाफ भी भरा जाएगा. कोर्ट संचालन के लिए 63 लाख रुपये प्रति कोर्ट हर साल खर्च आएगा. अगर किराए के भवन में कोर्ट संचालित होगा तो तीन लाख 90 हजार किराया प्रतिवर्ष दिया जाएगा. कोर्ट को संचालित करने में आने वाला खर्च केंद्र और राज्य सरकार का 60: 40 अनुपात में होगा. यूपी के विभिन्न न्यायालयों में 42379 बच्चों के प्रति अपराध के मुकदमे और 25749 बलात्कार के मामले दर्ज हैं. कानून मंत्री बृजेश पाठक ने बताया कि इसको लेकर आज ही उच्च न्यायालय को पत्र लिखेंगे. कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देंगे.
14 शहरों में चलाई जाएंगी इलेक्ट्रिक बस
इलेक्ट्रिक बस चलाने के संबंध में प्रस्ताव पास हुआ है. इसमें यूपी के 14 शहरों में इलेक्ट्रिक बस चलाए जाएंगे. पूरी योजना पीपीपी मॉडल पर निर्धारित है. इन बसों के चलाने पर सालाना 250 करोड़ रुपये खर्च होगा. इनमें से 120 करोड़ रुपये टिकट से आमदनी होगी और 130 करोड़ रुपये राज्य सरकार सब्सिडी देगी. केंद्र सरकार का यह प्रोजेक्ट है. इसके तहत राज्य और केंद्र मिलकर इन सभी शहरों में 700 एसी इलेक्ट्रिक बसें चलाएंगे.