लखनऊ:योगी सरकार विंध्यवासिनी मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कराएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. मिर्जापुर में विंध्यवासिनी मंदिर (कॉरिडोर) परिक्रमा मार्ग के लिए परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. विंध्यवासिनी मंदिर कॉरिडोर बनने से पूरे क्षेत्र का विकास होगा और पर्यटकों का आवागमन बढ़ेगा.
विंध्यवासिनी मंदिर कॉरिडोर के परिक्रमा मार्ग के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी - vindhyavasini dham in mirzapur
योगी सरकार ने मीर्जापुर जिले में स्थित मां विंध्यवासिनी धाम मंदिर के चारों ओर 50 फीट चौड़ा परिक्रमा पथ (कॉरिडोर) बनाने का फैसला किया है. शुक्रवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में परिक्रमा मार्ग बनाने की परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
कैबिनेट बैठक में परियोजना से जुड़े आगे के निर्णय लिए जाने के लिए मुख्यमंत्री को अधिकृत किया गया है. विंध्य पर्वत श्रृंखला के मध्य पतित पावनी गंगा के कंठ पर विराजमान मां विंध्यवासिनी देवी मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है. देश के 51 शक्तिपीठों में से विंध्याचल एक है. विंध्याचल स्थित मुख्य मंदिर विंध्यवासिनी धाम के चारों तरफ परंपरागत तौर पर श्रद्धालुओं द्वारा परिक्रमा की जाती है, लेकिन मंदिर परिसर में परिक्रमा मार्ग सीमित एवं सकरा होने के कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है. विंध्यवासिनी मंदिर परिक्रमा मार्ग बन जाने से पर्यटक की सुविधाओं में वृद्धि होगी और दुर्घटना की संभावना कम की जा सकेगी.
विंध्यवासिनी मंदिर कॉरिडोर बनाए जाने से मंदिर के आसपास चारों ओर 50 फीट चौड़ाई वाला परिक्रमा पथ बनाया जाएगा. विंध्य धाम गंगा नदी के तट पर स्थित है, जहां प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना अर्थ गंगा के अंतर्गत जल क्रीड़ा एवं साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं विद्यमान हैं. इसके साथ ही साथ विंध्याचल के समीप अनेक जल प्रपात और विंडम फॉल, कुशेरा फॉल और टांडा फॉल आदि भी स्थित हैं. यहां पर इको टूरिज्म की अधिक संभावनाएं मौजूद हैं. विंध्य धाम में पर्यटन सुविधाओं के विकास से यहां पर विभिन्न श्रेणी के पर्यटकों का आगमन बढ़ेगा. स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन के साथ-साथ पूंजी निवेश में भी वृद्धि होगी.