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लखनऊ में फिर चला बाबा का बुलडोजर, अकबरनगर में गिराए जाएंगे 1200 अवैध निर्माण

अकबरनगर एक में कुल 55 व्यावसायिक अवैध निर्माण है और 754 आवासीय अवैध निर्माण है. इसी तरह अकबरनगर दो में व्यावसायिक अवैध निर्माण 46 है और आवासीय अवैध निर्माण 314 है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 21, 2023, 7:06 PM IST

लखनऊ में अवैध निर्माण पर जिला प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई.

लखनऊ: जिला प्रशासन, पुलिस, नगर निगम और लखनऊ विकास प्राधिकरण की संयुक्त टीम ने कुकरैल रिवरफ्रंट के विकास को लेकर अकबरनगर अवैध बस्ती पर बुलडोजर चलाना शुरू कर दिया है. लगभग 1200 अवैध निर्माण यहां हटाए जाएंगे. हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलते ही प्रशासन की कार्रवाई यहां शुरू कर दी गई है. फिलहाल यहां पर विरोध का कोई स्वर सुनाई नहीं दे रहा है.

मगर माना जा रहा है कि जैसे-जैसे अभियान आगे बढ़ेगा विरोध भी होगा. इससे पहले भीकमपुर की अवैध बस्ती को हटाया जा चुका है. अवैध निर्माण की दृष्टि से अकबरनगर को दो भागों में बांटा गया है. अकबरनगर एक और अकबरनगर दो. अकबरनगर एक में कुल 55 व्यावसायिक अवैध निर्माण है और 754 आवासीय अवैध निर्माण है. इसी तरह अकबरनगर दो में व्यावसायिक अवैध निर्माण 46 है और आवासीय अवैध निर्माण 314 है. कुल 1169 अवैध निर्माण यहां चिन्हित किए गए हैं. जिनको हटाया जाना है.

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार, लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी, पुलिस के आला अधिकारियों के साथ में बड़ी संख्या में जेसीबी मशीन और मजदूरों को अवैध निर्माण को ध्वस्त करने में लगाया गया है. जिसकी वजह से अयोध्या रोड पर जाम की स्थिति भी बनी हुई है. बाईं ओर फर्नीचर की दुकानों पर जेसीबी का पहला वार हुआ है. लंबे समय तक यहां के दुकानदारों ने कमिश्नर कोर्ट से हाईकोर्ट तक राहत की उम्मीद की थी मगर प्रशासन की पैरवी भी इतनी मजबूत रही कि कहीं से कोई भी मदद अवैध निर्माण करने वालों को नहीं मिल सकी है.

लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि हम यहां अगले कुछ दिनों में जमीन को खाली कर देंगे. सभी निर्वासितों को विकल्प के तौर पर आवास और दुकान देने की व्यवस्था की गई है. हमारा पंजीकरण सिविल पिछले करीब 1 सप्ताह से यहां लगा हुआ था. जिन लोगों ने भी यहां पर लाभ उठाया है उनको वैकल्पिक आवास और दुकान मिल जाएगी. बाकी जबरिया काबिज लोगों को यहां से हटना ही होगा. उन्होंने बताया कि इस निर्माण को तोड़ने के बाद यहां कुकरेल रिवरफ्रंट को विकसित किया जाएगा और कुकरेल नदी को पुनर्जित भी किया जाएगा.

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