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लखनऊ: कोरोना से जंग में खूब लड़े सीएम योगी, देखिये ये खास रिपोर्ट - lockdown in india

उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ आज कल काफी सुर्खियों में हैं. इसकी मुख्य वजह है कोरोना जैसी महामारी के खिलाफ उनके लिए गए कड़े फैसले. जिस तरह से कोरोना का मामला प्रदेश में तेजी से बढ़ रहा है वह चिंता का विषय तो है, लेकिन सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ भी कोरोना को मात देने के लिए कमर कस रखे हैं. सीएम योगी के वे कौन से कड़े कदम हैं, जो पूरे देश में चर्चा विषय बने हुए हैं... देखिए ये खास रिपोर्ट.

cm yogi corona warrior
cm yogi corona warrior

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Published : Apr 12, 2020, 3:43 PM IST

Updated : Apr 12, 2020, 5:48 PM IST

लखनऊ:कोरोना ने पूरी दुनिया को अपनी गिरफ्त में ले रखा है. सभी देश अपने-अपने तरीके से इसके खिलाफ जंग लड़ रहे हैं. इस जंग में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ का वो योग देखने को मिला, जो उन्हें नायक के रूप में लाकर खड़ा कर दिया है.

देखिये खास रिपोर्ट.

24 घंटे काम करने की प्रवृति ने बनाया नायक-

मानवता को बचाने की इस लड़ाई की अगुवाई सीएम योगी ने फ्रंट फुट पर आकर खुद की. 24 घंटे काम करने की प्रवृति ने उन्हें मेडिकल इमरजेंसी का नायक बना दिया. कड़े फैसले लेने में उन्होंने कोई देरी नहीं की. जब भूखे राहगीरों की कहानी सामने आने लगी तो जिलों के स्कूल क्वारंटाइन हाउस में तब्दील कर दिए गए. भूखों को भोजन कराने का जिम्मा पुलिस और प्रशासन ने उठा लिया.

जब सीएम योगी ने गौतमबुद्धनगर के डीएम बदल दिए-

याद कीजिए वह नजारा, 29 मार्च को जब दिल्ली बॉर्डर पर करीब 15 हजार लोग अचानक उमड़ आए. अपने घर जाने की जिद कर रही भीड़ को दिल्ली प्रशासन ने जान पर खेलने के लिए छोड़ दिया था. सीएम योगी की कार्यशैली का कमाल रहा कि वहां 30 मार्च को एक आदमी सड़क पर नहीं था. यूपी परिवहन की गाड़ी सभी को ले जा चुकी थी. योगी भी अफसरों को समझाने नोएडा पहुंच चुके थे. उनके लौटने के बाद गौतमबुद्धनगर के डीएम बदल चुके थे.

कोरोना को मात देने के लिए चट्टान की तरह नजर आए योगी-

जब लॉकडाउन को खुद लोग नजरंदाज करने लगे तो सीएम योगी चट्टान से भी कड़े नजर आए. पुलिस जिलों के बॉर्डर पर अभेद्य दीवार बन गई . प्रदेशभर में 5319 बैरियर लगाए गए. 9 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश में 13 लाख 35 हजार 147 वाहनों की जांच हो चुकी थी. 3 लाख 1005 बेपरवाह वाहन मालिकों का चालान किया गया. 19579 वाहन सीज किए गए.. इस आपात स्थिति में रोजमर्रा के सामान की कमी न हो, इसका भी ख्याल रखा. फल और सब्जी की होम डिलीवरी के लिए कुल 42,213 वाहन प्रदेश में लगातार दौड़ रहे हैं.

2 करोड़ 37 लाख खातों में पहुंचाए 1000 रुपये-

इस आपाधापी में गरीब, मजदूरों के बेरोजगारी के जख्म पर भी योगी ने वक्त रहते मरहम लगा दिया. जब प्रधानमंत्री ने जन-धन खातों में 500 की रकम भेजी, उससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार 2 करोड़ 37 लाख रजिस्टर्ड श्रमिकों के खाते में 1000-1000 की रकम पहुंचा चुकी थी. 1.65 मनरेगा मजदूरों को 20 किलो आटा और 15 किलो चावल दिया चुका था. जो मजदूर सरकार के खाते में रजिस्टर्ड नहीं थे, योगी ने उनकी भी सुध ली. 15 लाख दैनिक मजदूरों को भी 1000 रुपये की मदद पहुंचाई गई.

83 लाख बुजुर्गों को दी 3 महीने की एडवांस पेंशन-

83 लाख बुजुर्गों को 3 महीने की पेंशन एडवांस में दी गई. स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए 102 और 108 हेल्पलाइन सेवा 25 मार्च को फुल एक्टिव थी. 4500 पुलिस रेस्पॉन्स वीइकल और 4200 एंबुलेंस लोगों के लिए प्रदेश की सड़कों पर दौड़ने लगे थे.

योगी की अग्निपरीक्षा तो दिल्ली में छिपे तबलीगी जमातियों ने भी ले ली. नतीजा कोरोना जो यूपी में खत्म होता नजर आ रहा था. वह विकराल समस्या बन गई. रेड जोन घोषित होने वाले गांव-कस्बे की किलेबंदी कर दी गई.

कोरोना का प्रकोप कम नहीं हुआ है. 11 अप्रैल तक प्रदेश में कोरोना के 448 मामले आ चुके हैं. 6 लोगों की मौत हो चुकी है. चुनौती बड़ी है, उत्तर प्रदेश के लिए भी परीक्षा की घड़ी है. मगर सीएम आदित्यनाथ जिस तरह 24 घंटे मैदान में डटे हैं, उससे यही कहा जाएगा कि आज योगी का योग अपने चरम पर है. जो एक अच्छा परिणाम लेकर आएगा.

Last Updated : Apr 12, 2020, 5:48 PM IST

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