लखनऊ: इन दिनों पूरा देश कोरोना संक्रमण से लड़ाई लड़ रहा है. देश और प्रदेश की योगी सरकार कोरोना से बचाव के लिए लगातार प्रयास कर रही है. लोगों का वैक्सीनेशन किया जा रहा है और लगातार लोगों से मास्क लगाने और कोरोना के प्रति जागरुक रहने की अपील की जा रही है. हालांकि तमाम प्रयासों के बाद अब कोरोना की दूसरी लहर कुछ कमजोर पड़ रही है. कोरोना से इस लड़ाई में योग का भी अहम योगदान रहा है. आयुर्वेदिक डॉक्टरों और विशेषज्ञों ने भी कोरोना संक्रमित मरीजों को योग करने की सलाह दी थी. कोरेना से बचाव के लिए योग गुरु दुर्गेश मिश्रा ने भी प्राणायाम और योग करने की सलाह दी.
प्राणायाम का क्या है महत्व
कोरोना संक्रमित मरीजों को सांस लेने में समस्या होती है. कोरोना से बचने और शरीर को निरोगी रखने के लिए पौष्टिक आहार के साथ-साथ व्यायाम और प्राणायाम भी जरूरी है. कोरोना से लड़ाई में प्राणायाम के द्वारा इम्यून सिस्टम को मजबूत किया जा सकता है. शाब्दिक अर्थ में समझें तो प्राण(श्वसन) आयाम (विस्तार) को प्राण या जीवनशक्ति का आयाम या विस्तार करना है. प्राणायाम के द्वारा जीवन प्रवाह को विस्तार देकर शरीर को स्वस्थ बनाया जा सकता है. प्राणायाम फेफड़ों की एक्सरसाइज है. प्राणायाम के द्वारा फेफड़ों की क्षमता बढ़ाई जा सकती है. जब फेफड़ों की क्षमता बढ़ी होगी तो कोरोना उतना असर नहीं करेगा. इसके साथ ही योग के द्वारा भी हर उम्र के लोग अपने घरों में रहकर खुद को स्वस्थ रख सकते हैं. योग के द्वारा वायरस से लड़ने के लिए शरीर में प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है.