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World Mosquito Day: मच्छरों के काटने से होती हैं गंभीर बीमारियां, बरतें ये सावधानी - डॉ. सुनीता

प्रत्येक वर्ष 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) मच्छरों से होने वाली बीमारी के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए मनाया जाता है. ये दिन एक ब्रिटिश डॉक्टर सर रोनाल्ड रॉस की 1897 में सफलता की खोज का प्रतीक है.

विश्व मच्छर दिवस 2021
विश्व मच्छर दिवस 2021

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Published : Aug 20, 2021, 6:19 PM IST

लखनऊ: आज विश्व मॉस्किटो डे यानी कि विश्व मच्छर दिवस (World Mosquito Day) है. सुनने में यह थोड़ा अजीब लगता है. यहां मदर्स डे (Mothers Day), फादर्स डे (Fathers Day) और फ्रेंडशिप-डे (friendship day) जैसे दिन मनाते हैं और एक-दूसरे को विश करते हैं. क्योंकि ये दिन अपने लोगों के लिए खास हैं. मगर, मच्छर कैसे खास है, जो उनके लिए यह दिन मनाया जाता है. बहुत से लोग विश्व मच्छर दिवस से अंजान होंगे और जिसे पता लगेगा वह हसेंगा, लेकिन, आपको बता दें कि विश्व मच्छर दिवस इसलिए मनाया जाता है, ताकि लोगों को मच्छरों से होने वाली बीमारियों के बारे में जागरूक किया जा सके. मौजूदा समय में राजधानी लखनऊ में मच्छरों से होने वाली बिमारियों की भरमार है.

बारिश के मौसम में गंदे पानी में मच्छर पनपते हैं और अनेकों बीमारियां फैलाते हैं. अस्पतालों में डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया से ग्रसित मरीज भर्ती हो रहे हैं. ये सभी बीमारियां मच्छरों के काटने से होती हैं. लिहाजा, विश्व मच्छर दिवस मनाने का मूल मकसद यही है कि लोगों को जागरूक किया जा सके, ताकि समय-समय पर लोग कूलर, फ्रिज इत्यादि साफ करते रहें, जहां पर मच्छर पनपते हैं. स्वास्थ्य विभाग की ओर से अगस्त के शुरुआती दिनों में ही दो सप्ताह का संचारी रोग अभियान (communicable disease campaign) चलाया गया, ताकि हर क्षेत्र में लोगों को जागरूक किया जा सके. फिलहाल, वर्तमान में भी संचारी रोग अभियान के बाद से राजधानी के हर क्षेत्र में मच्छरों का सफाया करने के लिए एंटी लार्वा (anti larva) का छिड़काव किया जा रहा है, ताकि राजधानी में जिस तरह से मच्छरों के काटने से लोग बीमार पड़ रहे हैं, उन्हें बचाया जा सके.

विश्व मच्छर दिवस 2021
सिविल अस्पताल की डॉ. सुनीता बताती हैं कि मच्छरों से अनेकों बीमारियां फैल रही हैं. मच्छर नर और मादा में ही नहीं बंटे बल्कि, बीमारियों के आधार पर भी इन्हें बांटा गया है. जैसे-चिकनगुनिया, डेंगू फीवर, फाइलेरियासिस, लिम्फेटिक (Lymphatic) फाइलेरिया (Filariasis), एनोफिलीज नामक मच्छर के काटने से फैलती हैं. उन्होंने बताया कि इसके अलावा क्यूलेक्स मच्छर, जापानी इन्सेफेलाइटिस (Japanese encephalitis), लिम्फेटिक फाइलेरिया, वेस्ट नील फीवर जैसी बीमारियां फैलाते हैं. एडीज एजिप्टी (Aedes aegypti) और एडीस एल्बोपिक्टस धीरे-धीरे अपना विस्तार कर रहे हैं.

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एसीएमओ एमके सिंह बताते हैं कि आज विश्व मच्छर दिवस है. इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर के हर पुराने और नए क्षेत्र में एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है. संचारी रोग अभियान भी इसीलिए अगस्त में चलाया जाता है, क्योंकि अगस्त के तीसरे सप्ताह में विश्व मच्छर दिवस होता है. इस दिन स्वास्थ्य विभाग के सफाई कर्मचारियों द्वारा विशेष अभियान चलता है और लोगों को जागरूक किया जाता है.

1897 में पहली बार मनाया गया विश्व मच्छर दिवस
एसीएमओ ने बताया कि मलेरिया जैसी बीमारी लोगों को काल के मुंह में ढकेल देती है, लेकिन पहले यह नहीं पता था कि मलेरिया की असल वजह क्या है. सन 1897 में 20 अगस्त को ब्रिटिश डॉ. रोनाल्ड रॉस यह बात दुनिया के सामने लाए कि मलेरिया मच्छर के काटने से होता है. उस दिन से 20 अगस्त को विश्व मच्छर दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. और इस दिन मच्छरों से फैलने वाली अनेकों बीमारियों की रोकथाम के लिए अभियान चलाया जाता है.

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