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विश्व खाद्य सुरक्षा दिवसः दूषित खान-पान से हर मिनट 44 लोग होते हैं बीमार

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) की शुरूआत 2018 में की गई थी. इस दिन लोगों को खान-पान से जुड़ी बीमारियों के प्रति लोगों को जागरूक किया जाता है. इसके बावजूद भारत में एक रिपोर्ट के अनुसार हर मिनट 44 लोग दूषित खान-पान से बीमार होते हैं.

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विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2021

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Published : Jun 7, 2021, 4:49 PM IST

लखनऊः विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस (World Food Safety Day) कि शुरुआत 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा किया गया था. इस दिन को मनाने का उद्देश्य खान-पान से जनित रोगों और इसके रोकथाम के उपायों के बारे में लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाना है. आज के दिन इसके लिए विभिन्न संगठनों द्वारा विश्व के सभी देशों में जागरूकता अभियान किया जाता है.

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस 2021

दूषित खान-पान से लोग होते हैं बीमार

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक हर 10 में से एक व्यक्ति भोजन या दूषित खान-पान के बैक्टीरिया से बीमार हो जाता है. वहीं दुनिया की आबादी के हिसाब से हर साल 6 करोड़ से ज्यादा लोग बीमार होते हैं. विकासशील देशों में हर साल 30 लाख लोगों की मौत हो जाती है. इनमें बच्चों की संख्या एक लाख से ज्यादा होती है. इसीलिए हर साल विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के मौके पर लोगों को सुरक्षित और स्वच्छ भोजन के प्रति जागरूक किया जाता है.

ये है वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे की थीम

संयुक्त राष्ट्र के द्वारा कोशिश होती है कि दूषित खान-पान से होने वाली मौतों को कम किया जाए. इसके लिए हर साल 7 जून को विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस की थीम का चयन होता है. इस बार ''सुरक्षित भोजन आज एक स्वस्थ कल के लिए'' थीम का चयन किया गया है. सोशल मीडिया पर भी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर कई प्रमुख हस्तियों ने लोगों को इस दिवस की बधाइयां दी हैं. संयुक्त राष्ट्र अपनी दो एजेंसियों खाद्य और कृषि संगठन तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन को दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए नामित किया है.

विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस.

क्या है भारत में आंकड़ें

विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर मिनट दूषित खान-पान से 44 से ज्यादा लोग बीमार हो जाते हैं. 66 फीसदी लोग बैक्टीरिया जनित खान-पान के कारण बीमार होते हैं, जबकि 26 फीसदी लोग दूषित रसायन के चलते, 4 फीसदी पैरासाइट के चलते बीमारी का शिकार होते हैं. होटल चलाने वाले दुकानदार राजेश चौधरी बताते हैं कि वह खान-पान की शुद्धता पर विशेष ध्यान देते हैं, जिससे ग्राहकों के स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव न हो.

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दूषित खान-पान से होने वाली बीमारियां

श्यामा प्रसाद मुखर्जी सिविल अस्पताल के अधीक्षक डॉ. शैलेंद्र कुमार मिश्र का कहना है कि खान-पान का अच्छा होने के साथ उसका संतुलित होना भी जरूरी है. दूसरी तरफ दूषित खान-पान से हमारे शरीर में कई बीमारियां भी पनपती हैं. उन्होंने बताया दूषित खान-पान के चलते बड़ी संख्या में लोग पेट में गैस बनने, कोलाइटिस, डायरिया, टायफाइड फीवर के साथ ही साथ लीवर भी प्रभावित होता है. खान-पान में साफ-सफाई न होने से कई तरह हम कई तरह के बैक्टीरिया से संक्रमित होते हैं. जिनमें ई कोलाई बैक्टीरिया, सेल मोनेला जैसे बैक्टीरिया प्रमुख हैं.

कैसे अपनाएं घर में सुरक्षित खान-पान का तरीका

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह का कहना है कि खाद्य सुरक्षा के लिए इन दिनों ईट राइट चैलेंज कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिससे बाजार में बिकने वाले खानपान में मिलावट को रोका जा सके और जागरूकता फैलाई जा सके. इस अभियान के तहत 2020 में 712 नमूने लिए गए. जबकि इस साल 2021 मार्च में 180 नमूने लिए गए. जून में खाद्य तेलों के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है और 22 नमूने लिए गए.

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उन्होंने बताया कि बाजार में सड़कों के किनारे बिकने वाले ठेलों पर गंदगी और धूल के कारण सबसे ज्यादा व्यक्ति में डायरिया होने का खतरा बढ़ जाता है. डॉ. शैलेंद्र सिंह ने कहा कि फल और सब्जियों को हमेशा अच्छी तरीके से धोकर खाएं. स्टीकर वाले फलों का उपयोग कम से कम करें. पॉलिथीन या अखबार में गरम खाने को कभी भी लपेट कर न रखें. पैक खाद्य पदार्थ को यूज करने से पहले उसके बनने की तिथि और खराब होने की तिथि को भी देखें.

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