लखनऊ : पिछले साल तीन दिसंबर को ऊर्जा मंत्री ने विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों से वार्ताकर ये भरोसा दिया था कि उनकी मांगों को जल्द पूरा कर दिया जाएगा. ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सिर्फ 15 दिन का समय मांगा था, जिसके बाद बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार समाप्त कर दिया था. अब तीन माह से ज्यादा का समय हो चुका है, लेकिन कोई भी मांग अब तक मानी नहीं गई है. जिससे नाराज बिजलीकर्मी अब कार्य बहिष्कार और हड़ताल के लिए तैयार हैं. 15 मार्च को सुबह 10 बजे से कार्य बहिष्कार किया जाएगा और 16 मार्च की रात से 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल का भी एलान समिति की तरफ से किया गया है.
Lucknow News : बिजली कर्मियों के मशाल जुलूस को प्रशासन ने नहीं दी अनुमति, किया प्रदर्शन, कल से कार्यबहिष्कार - बिजली कर्मियों ने कार्य बहिष्कार
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारी कार्य बहिष्कार और हड़ताल के लिए तैयार (Lucknow News) हैं. पदाधिकारियों ने 15 मार्च की सुबह कार्यबहिष्कार करने का फैसला लिया है.
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि 'ऊर्जा मंत्री ने वादाखिलाफी की है. हमारी मजबूरी है कि कार्य बहिष्कार किया जाए. सोमवार को फील्ड हॉस्टल में विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के नेतृत्व में बिजलीकर्मियों ने जोरदार प्रदर्शन किया. कर्मचारी मशाल जुलूस निकालना चाहते थे, लेकिन प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी. बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती फील्ड हॉस्टल में कर दी गई और गेट पर ताला जड़ दिया गया. इससे कोई भी कर्मचारी बाहर नहीं निकल पाया. इस मौके पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि 'उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा और विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बीच तीन दिसंबर के बाद आज एक बार फिर वार्ता हुई, जो बेनतीजा रही. इससे कर्मचारियों में रोष व्याप्त हो गया है.' उन्होंने बताया कि 'ध्यानाकर्षण आंदोलन के पहले चरण में मंगलवार को राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के सभी जनपदों और परियोजनाओं पर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किया गया. कई जगह मशाल जुलूस भी निकाला गया. उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील की है कि वे इस मामले में प्रभावी हस्तक्षेप करें, जिससे समझौते का क्रियान्वयन हो और अनावश्यक टकराव टाला जा सके.'
समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि 'ध्यानाकर्षण आंदोलन के अगले चरण में बुधवार सुबह 10 बजे से कार्य बहिष्कार आंदोलन प्रारंभ होगा और 16 मार्च की रात 10 बजे से 72 घंटे की सांकेतिक हड़ताल की जाएगी. इससे उत्पन्न होने वाली किसी भी परिस्थिति का संपूर्ण उत्तरदायित्व ऊर्जा प्रबंधन का होगा.'
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