लखनऊ: उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को 80 लाख करोड़ रुपये (1 ट्रिलियन यूएस डॉलर) का आकार देने की मुहिम में जुटी योगी सरकार ने औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देना अपनी शीर्ष प्राथमिकताओं में शामिल किया है. इसके लिए सरकार ने यूपी में अबतक का सबसे बड़ा इन्वेस्टमेंट समिट अगले वर्ष आयोजित करने का फैसला किया है. इस आयोजन के पहले औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए उद्योग, टेक्सटाइल, इलेक्ट्रानिक्स, फूडप्रोसेसिंग, पर्यटन सहित कई नीतियों में संशोधन किया जाएगा. इसी क्रम में सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्योग (एमएसएमई) लगाने के लिए उद्यमियों को योगी सरकार विशेष राहत देने जा रही है जिसके तहत एमएसएमई सेक्टर में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को कई सुविधाएं देने का फैसला किया. इसके अंतर्गत महिला उद्यमियों को तमाम तरह की सुविधाएं दी जाएंगी.
योगी सरकार की ओर से तैयार की जा रही नई एमएसएमई नीति में महिला उद्यमियों को खास तवज्जो दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है. इसके तहत उद्यमियों को अपना उद्योग लगाने के लिए पूर्वांचल व बुंदेलखंड में निवेश करने पर 100 प्रतिशत, मध्य यूपी व पश्चिमी यूपी (गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद में केवल 50 प्रतिशत छूट ) में स्टांप शुल्क में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी. वहीं, महिला उद्यमियों को यूपी में कहीं भी उद्योग लगाने पर जमीन खरीद पर स्टांप शुल्क नहीं देना पड़ेगा. इस नीति के तहत उद्यमियों को बुंदेलखंड व पूर्वांचल में सूक्ष्म उद्योग लगाने पर 25 प्रतिशत, लघु उद्योग लगाने पर 20 प्रतिशत व मध्यम उद्योग लगाने पर 15 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी मिलेगी. मध्य यूपी और पश्चिमी यूपी में यह सब्सिडी क्रमश: 20%,15% व 10% होगी.