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उत्तरायणी कौथिग में महिलाओं के झोड़ा नृत्य ने बांधा समा

लखनऊ में चल रहे उत्तरायणी कौथिग के सातवें दिन बुधवार को उत्तराखण्ड संस्कृति विभाग के सहयोग से लायी गयी मां नैना सांस्कृतिक एवं जनकल्याण सेवा समिति से जुड़े कलाकारों ने मनमोहक प्रस्तुतियां दीं. इसमें खास आकर्षण झोड़ा नृत्य रहा.

कौथिक में देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति देखने को मिली
कौथिक में देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति देखने को मिली

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Published : Jan 21, 2021, 8:24 AM IST

लखनऊ:उत्तरायणी कौथिग अब अपने चरम पर पहुंच चुका है और पर्वतीय संस्कृति से राजधानी लखनऊ भी सराबोर है. पर्वतीय महापरिषद की ओर से आयोजित उत्तरायणी कौथिग के 7वें दिन बुधवार को पर्वतीय समाज की महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में झोड़ा नृत्य प्रस्तुत किया. उनकी प्रस्तुति से ऐसा लगा की मंच पर पहाड़ की रंगीली संस्कृति उतर आई है.

दीप प्रज्वलित करतीं मुख्य अतिथि महिला बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह

पर्वतीय समाज की महिलाओं ने किया झोड़ा नृत्य

प्रदेश सरकार में महिला बाल विकास मंत्री स्वाति सिंह मुख्य अतिथि थी. शाम को जल शक्ति मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह का स्वागत पर्वतीय महापरिषद के मुख्य संयोजक टीएस मनराल, पूर्व र्पाषद नरेन्द्र सिंह देवड़ी, संयोजक केएन चन्दोला ने किया. झोड़ा नृत्य में जनकल्याण समिति विकास नगर, कल्याणपुर, भरत नगर, प्रीति नगर, पंतनगर, गोमती नगर खरगापुर और इंदिरानगर की महिला टीमों ने अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरा. इन कार्यक्रमों का संचालन महेन्द्र पंत और गोविन्द बोरा ने किया. उत्तराखंड के साथ राजस्थानी लोक नृत्य ने सभी दर्शकों का दिल जीत लिया.

कौथिक में देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति देखने को मिली

नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

उत्तरयणी कौथिग स्थल पर प्रतिदिन नि:शुल्क चिकित्सा शिविर लगाया गया था. इस दौरान बाल रोग और स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. निर्मला जोशी और डाॅ. निरूपमा मिश्रा ने अपनी नि:शुल्क सेवा प्रदान की. यह जानकारी चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रभारी डाॅ. बीएस नेगी ने दी.

कौथिक में देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति देखने को मिली

पर्वतीय उत्पादों के लगे थे स्टाल्स

उत्तरायणी कौथिग में लगे विभिन्न वस्तुओं के स्टालों पर लोगों को खरीदारी करते देखा गया. सबसे ज्यादा उत्तराखण्डी खाद्य पदार्थो की बिक्री रही. पहाड़ी गहत की दाल, तोर, सोयाबीन, काला भटट, जख्या, मडुवे का आटा जो कि शुगर में काफी फायदे मंद होते हैं, खरीद रहे हैं. इसके अलावा पहाड़ी नीबू, पहाडी मूली, माल्टा, गडेरी व जड़ी- बूटिया भी उपल्बध है.

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