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एंग्लो इंडियन समाज की महिलाओं को भारत रत्न मिलना चाहिए - Bharat Ratna

एंग्लो-इंडियन हमेशा से भारतीय समाज का अभिन्न अंग रहे हैं. उन्होंने हमेशा से देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान निभाया है. समय बीतने और आजादी के बाद एंग्लो इंडियन समुदाय ने शिक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोस्ट और टेलीग्राफ और रेलवे जैसे प्रमुख सेवा क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

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Published : Nov 23, 2022, 4:44 PM IST

Updated : Nov 23, 2022, 8:15 PM IST

लखनऊ : एंग्लो-इंडियन हमेशा से भारतीय समाज का अभिन्न अंग रहे हैं. उन्होंने हमेशा से देश के विकास में बहुत बड़ा योगदान निभाया है. समय बीतने और आजादी के बाद एंग्लो-इंडियन समुदाय ने शिक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोस्ट और टेलीग्राफ और रेलवे जैसे प्रमुख सेवा क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. संस्थागत शिक्षा के विकास का श्रेय एंग्लो-इंडियन समुदाय को जाता है. यह बातें अखिल भारतीय एंग्लो-इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष इन चीफ व पूर्व विधायक बैरी ओ ब्रायन ने ला मार्टिनियर कॉलेज एस्टेट में आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कहीं.

इस दौरान बैरी ओ ब्रायन अपनी लिखित बुक 'द एंग्लो-इंडियन्स: ए पोर्ट्रेट ऑफ ए कम्युनिटी' के बारे में जानकारी साझा की. पुस्तक में एंग्लो इंडियन समुदायों अब तक इतिहास उनके विकास के बारे में एक-एक गहन जानकारी दी है. कैसे उनके समुदाय एंग्लो-इंडियन हमेशा से भारतीय समाज का अभिन्न अंग रहे हैं और उन्होंने हमारे देश भारत के विकास में बड़ा योगदान दिया है. समय बीतने और आजादी के बाद एंग्लो इंडियन समुदाय (Anglo Indian community) ने शिक्षा, रक्षा, स्वास्थ्य सेवा, पोस्ट और टेलीग्राफ और रेलवे जैसे प्रमुख सेवा क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

जानकारी देते अखिल भारतीय एंग्लो-इंडियन एसोसिएशन के अध्यक्ष इन चीफ बैरी ओ ब्रायन.

अखिल भारतीय एंग्लो-इंडियन एसोसिएशन (All India Anglo Indian Association) के अध्यक्ष इन चीफ बैरी ओ ब्रायन ने कहा कि हमारे समाज पूर्ण रूप से यूरोप से आए हुए हैं पर हमारी जड़े भारत में बहुत गहरी है. आजादी से पहले एंग्लो इंडियन समाज (Anglo Indian society) केवल अंग्रेजी भाषा बोलने के साथ काॅलोनीस में रहते थे, पर धीरे-धीरे हमारे समाज के लोगों ने अंग्रेजी के साथ देश की अन्य भाषाएं बोलना सीखीं. साथ ही आज हम समाज की मुख्यधारा के साथ जुड़कर काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमारी महिलाओं में आज से 120 साल पहले से ही घरों से बाहर निकलकर काम करना शुरू किया था.

उन्होंने नर्स, टीचर सहित और दूसरे काम किया. उस समय भारतीय समाज की महिलाएं बाहर नहीं निकलती थीं, पर आज भारत में भी महिलाएं स्वावलंबी बनने के साथ अपने बारे में भी सोच रही हैं. भारत सरकार को हमारे समाज की महिलाओं को भारत रत्न (Bharat Ratna for women) देने के बारे में एक बार जरूर विचार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि मेरी पुस्तक में एंग्लो इंडियन समाज की अब तक के इतिहास से जुड़ी सारी डिटेल को मौजूद डाक्यूमेंट्स हुआ के आधार पर दर्ज की गई है. उन्होंने कहा कि आज हमारे समुदाय के करीब सवा चार लाख से अधिक लोग हैं.

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Last Updated : Nov 23, 2022, 8:15 PM IST

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