लखनऊ: राजधानी के मनकामेश्वर मंदिर में बुधवार को फूलों और रंगों के साथ धूमधाम से होली मनाई गई. हर साल इसी तरह मंदिर में गाने बजाने के साथ गुलाल की होली खेली जाती थी लेकिन, इस बार होली में फूलों और गुलाल के साथ होली खेलने का रिवाज तय किया गया. यह कार्यक्रम बुधवार से शुरू हो चुका है और 29 मार्च यानी कि होली तक फूलों के साथ महिला संत होली खेलेंगी. फूलों की होली का शुभारंभ मंदिर मठ की महंत दिव्या गिरी के सानिध्य में किया गया. सबसे पहले बाबा मनकामेश्वर और अन्य देवी-देवताओं, गुरुओं को गुलाल लगाया गया. उसके बाद महंत दिव्या गिरी पर फूल बरसाए गए. इस दौरान होली गीतों पर मस्ती के साथ महिला संतों और भक्तों ने होली खेली.
मनकामेश्वर मंदिर में महिला महंतों ने खेली फूलों की होली
राजधानी लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में बुधवार को फूलों और रंगों की होली खेली गई. सबसे पहले बाबा मनकामेश्वर और अन्य देवी-देवताओं, गुरुओं को गुलाल लगाया गया. उसके बाद महंत दिव्या गिरी पर फूल बरसाए गए. इस दौरान होली गीतों पर मस्ती के साथ महिला संतों और भक्तों ने होली खेली.
महिला महंतो ने खेली 2 कुंटल फूलों से होली
होली से पहले मनकामेश्वर मंदिर में मनाई गई फूलों वाली होली में महिला संतों ने भोलेनाथ के गाने पर जमकर नृत्य किया. इस दौरान करीब 2 क्विंटल फूलों की होली खेली गई. मंदिर परिसर में फाग गायन और भजन कीर्तन के साथ फूलों की होली मुख्य आकर्षण का केन्द्र बनी. महंत जी ने बताया कि होली में प्राकृतिक रंगों का ही प्रयोग किया गया है.
होलिका सजाने का शुरू होगा कार्य
25 मार्च को मनकामेश्वर मठ के गोमती घाट उपवन में 5000 उपलों से होलिका सजाने का कार्य शुरू होगा. इसमें घाट परिसर को आकर्षक रूप से मंडप और रंगोली आदि से सजाया जाएगा. होलिका दहन 28 मार्च को पूर्णिमा के अवसर पर गोमती आरती के दौरान किया जाएगा. कोरोना से बचाव के लिए इसमें औषधिक महत्व की वस्तुओं को अर्पित किया जाएगा, जिसमें गिलोय, कपूर, लौंग, इलायची, गुग्गल, जौ, तिल, जावित्री, जायफल, पीली सरसों, पंच मेवा, नारियल गोला, आम के पत्ते, चंदन आदि को शामिल किया जाएगा. इस अवसर पर कोरोना के दौर में जागरुकता के लिए सेल्फी प्वाइंट भी तैयार किया जाएगा.