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समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली 30 महिलाएं सम्मानित

स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (सीमा) और भाऊराव देवरस शोधपीठ लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया. इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं 30 महिलाओं को सम्मानित भी किया गया.

महिलाओं को सम्मानित किया गया.
महिलाओं को सम्मानित किया गया.

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Published : Mar 9, 2021, 6:55 AM IST

लखनऊ: सोमवार को विश्व महिला दिवस पर स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (सीमा) और भाऊराव देवरस शोधपीठ लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से एक सम्मान समारोह आयोजित किया गया. जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं 30 महिलाओं को सम्मानित किया गया. इस अवसर पर गेस्ट ऑफ ऑनर आलोक रंजन ने कहा कि महिलाओं को मुख्यधारा में लाने से ही विकास होगा. 100 फीसदी साक्षरता दर हो तो देश अपने आप आगे बढ़ेगा. महिलाओं की साक्षरता दर कम होने से कई दिक्कतें आती हैं. उनमें जागरूकता की कमी होती है. महिलाएं शिक्षित हों तो समाज समृद्ध होगा. लड़कियों की शिक्षा को प्राथमिकता देनी होगी. महिलाएं अगर शिक्षित होंगी तो जीडीपी अपने आप बढ़ेगी.





उन्होंने कहा कि भारत में लेबर पार्टिसिपेशन रेट में महिलाओं का योगदान काफी कम है. अगर इसमें बढ़ोतरी होती है तो देश और प्रदेश का विकास अपने आप होगा और जीडीपी भी बढ़ेगी. उन्होंने कहा की हाउसवाइफ के योगदान को हमेशा नजरअंदाज किया जाता है. उनके योगदान को भी हमें जानना होगा.आलोक रंजन ने कहा कि महिला उद्यमियों को बढ़ावा देना होगा. इसमें सीमा का योगदान महत्वपूर्ण है. आज महिला दिवस के मौके पर महिलाओं का सम्मान कर मुझे गौरव का एहसास हो रहा है.



वहीं इस अवसर पर सीमा के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने भी महिला दिवस पर महिलाओं की अहमियत पर बात करते हुए उनसे आह्वान करते हुए कहा कि बड़ी संख्या में वह सीमा से जुड़ें और आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करें. महिलाएं जब आगे आएंगी तभी देश और प्रदेश उन्नति करेगा. महिलाओं को देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान निभाना चाहिए .




साथ ही भाउराव देवरस पीठ के निदेशक प्रोफेसर सोमेश कुमार शुक्ला ने कहा कि महिलाएं ही समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं. एक शिशु के जन्म से लेकर उसकी शिक्षा उसके सामाजिक उत्थान मानवता और संस्कृति के विकास में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होती हैं. समाज में समरसता सद्भावना और वसुधैव कुटुंबकम के स्वरूप को साकार करने में महिलाओं की भूमिका सबसे प्रमुख होती है. परिवार और समाज में नए नैतिकता और दायित्वों की उत्पत्ति इन्हीं के अवसर पर पल्लवित एवं पोषित की जाती है.

सीमा संस्थान के अध्यक्ष शैलेंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि एमएसएमई से जुड़ीं कन्नौज की काव्या को पैडवूमन के नाम से भी जाना जाता है. उनके योगदान को देखते हुए उन्हें कई राष्ट्रीय सम्मान दिए जा चुके हैं. साथ ही उन्होंने घोषणा की कि काव्या को कन्नौज का सीमा चैप्टर का चेयरपर्सन मनोनीत किया जाता है.



इन्हें मिला सम्मान

इस मौके पर विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहीं 30 महिलाओं को सम्मानित किया गया. स्मॉल इंडस्ट्री मैन्युफैक्चर एसोसिएशन (सीमा) के अध्यक्ष शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि विभिन्न क्षेत्र की इन विभूतियों में शिक्षा के क्षेत्र से डॉ. सनोबर हैदर और नेशनल पीजी कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. नीरजा लेफ्टिनेंट नैंसी गुप्ता हैं. वहीं शिल्प के क्षेत्र से पर्निका सामाजिक कार्यों के क्षेत्र से अनीता सहगल 'वसुंधरा' जी, काव्या, श्यामली श्रीवास्तव, रिचा सेखव को सम्मानित किया गया. इसके अलावा एमएसएमई के क्षेत्र में कीर्तिमान स्थापित कर रहीं अपर्णा मिश्रा, शिप्रा आनंद, नाजिया रिजवी, अनुष्का, प्रेरणा श्रीवास्त, संगीता, अंजलि, प्रशांति रंजन, राजकुमारी, ममता, ओवरसीज एंटरप्रेन्योर प्रेरणा श्रीवास्तव और चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ. विभा सिंह को सम्मान दिया गया. पैरामेडिकल विभाग की सोनिया चड्ढा और पुलिस विभाग की श्वेता श्रीवास्त को विभूषित किया गया.

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