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लखनऊ : हाथरस केस को लेकर कांग्रेस का योगी सरकार पर निशाना - महिला कांग्रेस की प्रेस कॉन्फेंंस

ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की जम्मू कश्मीर की प्रभारी और सीडब्ल्यूसी मेंबर रजनी पाटिल ने हाथरस के मुद्दे पर योगी सरकार को घेरा है. उन्होंने बाराबंकी के भाजपा नेता रंजीत श्रीवास्तव के महिलाओं पर दिए एक बयान पर भी कटाक्ष करते हुए इसे घिनौना बताया है. साथ ही उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद को योगी सरकार द्वारा संरक्षण दिए जाने पर भी सवाल खड़े किए.

महिला कांग्रेस का योगी सरकार पर निशाना.
महिला कांग्रेस का योगी सरकार पर निशाना.

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Published : Oct 8, 2020, 6:16 AM IST

लखनऊ :कांग्रेस मुख्यालय पर प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई थी. जिसमें ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की जम्मू कश्मीर की प्रभारी और सीडब्ल्यूसी मेंबर रजनी पाटिल ने योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा. हाथरस जाते वक्त कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी के साथ हुए दुर्व्यवहार पर उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को चेताया कि यह बिल्कुल सही नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री जी इसे ध्यान में रखें.

सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बोला 'सफेद झूठ'

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ऑल इंडिया महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में योगी आदित्यनाथ सरकार की तरफ से जो पीआईएल में दर्ज हुआ उसमें सरासर सफेद झूठ बोला गया है. उन्होंने कहा कि पीआईएल दर्ज होने से पहले 136 पेज का एफिडेविट योगी सरकार डाल देती है, जिसमें पूरी तरह गलत जानकारी दी गई है. उनका कहना था कि योगी सरकार को शर्म आनी चाहिए. एफिडेविट में कहा गया कि पीड़िता का अंतिम संस्कार सभी रीति रिवाजों के अनुसार किया गया है, जो पूरी तरह गलत है. उन्होंने कहा कि हाथरस की पीड़िता ने पहले ही कह दिया था कि सिर्फ रेप ही नहीं सामूहिक रेप हुआ है. जबकि योगी सरकार कह रही है कि रेप ही नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि हम इस एफिडेविट का पर्दाफाश करेंगे. ड्रामा किंग वाली पार्टी हमें राजनीति न सिखाए.

महिला कांग्रेस का योगी सरकार पर निशाना.

कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि जो बात पहले भाजपा छुपकर करती थी, आज उनके प्रवक्ता टीवी चैनलों पर खुलेआम कर रहे हैं. एसआईटी की कार्य अवधि 10 दिन बढ़ा दिए जाने पर उन्होंने कटाक्ष किया कि जो लोग कहते थे कि त्वरित कार्रवाई होगी उनका नकाब उतरना शुरू हो गया है. हाथरस में 8 दिन बाद फॉरेंसिक जांच हुई. 8 दिन बाद रेप की घटना सामने आई. रात में 2:30 बजे पीड़िता को मिट्टी का तेल डालकर जला दिया जाता है, और कहा जाता है कि सभी रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार हुआ है, ये पूरी तरह झूठ है. उन्होंने कहा कि निर्भया कांड के बाद रेप की परिभाषा बदल दी गई थी, शायद उत्तर प्रदेश के एडीजी को यह भी नहीं पता है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि उनके खिलाफ साजिश रची गई है. हलफनामे में जो टि्वटर हैंडल का जिक्र किया गया है उसमें किसी के 900 फॉलोअर, किसी के 2000 तो किसी के 14000 फॉलोअर हैं. क्या इतने फॉलोअर वाले लोग जातीय हिंसा भड़का सकते हैं ? विपक्ष को बदनाम करने की कोशिश की गई है. उन्होंने आगे कहा कि पीड़ित परिवार से माफी मांगने के बजाय सुप्रीम कोर्ट में भी झूठ बोल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तर प्रदेश से सांसद हैं. उन्होंने हाथरस की घटना पर एक भी ट्वीट नहीं किया. दूसरी सांसद स्मृति ईरानी हैं, उनसे भी कुछ नहीं बोला गया. अगर मॉरीशस से पीएफआई को दंगों के लिए 50 करोड़ की फंडिंग की गई है तो सरकार उस एजेंसी की जांच कराए और उस पर तत्काल कार्रवाई करे.

'उत्तर प्रदेश में महिला आयोग का अस्तित्व नहीं'

कांग्रेस की विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा ने कहा कि महिला आयोग एक संवैधानिक बॉडी है. जिसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाया गया था. आज उत्तर प्रदेश में महिला आयोग का अस्तित्व ही नहीं है. क्योंकि इसका कार्यकाल 6 अगस्त 2020 को ही खत्म हो चुका है. इससे समझा जा सकता है कि महिला आयोग महिलाओं को अधिकार दिलाने में कितना गंभीर है. न नोटिफिकेशन हुआ कि उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया और न ही पुनर्गठन हुआ. इससे महिलाओं के प्रति भाजपा की सोच क्या है इसे समझा जा सकता है. उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार संवैधानिक बॉडी को खत्म कर रही है. कांगेस पार्टी मांग करती है कि अगर मुख्यमंत्री महिलाओं को सुरक्षा नहीं दे सकते हैं तो उन्हें इस्तीफा दे देनी चाहिए. और राज्यपाल को तत्काल योगी सरकार को बर्खास्त कर देनी चाहिए.

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