लखनऊः यूपी विधानसभा का शीतकालीन सत्र (UP Assembly Winter Session) 28 नवंबर से शुरू होगा. 66 वर्ष बाद विधानसभा सत्र नए नियमों के साथ होगा. सुबह नौ बजे लोक भवन में विधानमंडल दल की बैठक होगी. बीजेपी और सहयोगी दलों की इसी दिन विधानमंडल दल की बैठक होगी.
66 वर्ष बाद नए नियमों के साथ होगा विधानसभा का सत्र. सत्र के संचालन में नेता झंडा और बैनर नहीं ले जा सकेंगे. नेता इस बार सदन में मोबाइल भी नहीं ले जा सकेंगे. पिछले सदन में ही बदलाव किए गए थे जो इस बार लागू होंगे. सदन में इस बार महिला सदस्यों को अपनी बात रखने के लिए प्राथमिकता दी जाएगी. पहले दिन 28 नवंबर को यूपी विधानसभा में निधन पर शोक प्रस्ताव रखा जाएगा. बीजेपी के विधायक रहे आशुतोष टंडन के निधन पर शोक व्यक्त किया जाएगा.
सत्र से पहले 27 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आयोजित की जाएगी. सदन चलाए जाने पर चर्चा होगी. इसके साथ ही 27 नवंबर को ही कार्य मंत्रणा समिति की बैठक होगी जिसमें एजेंडे पर चर्चा होगी कि सदन की कार्यवाही के दौरान कौन-कौन से एजेंडे शामिल किए जाने हैं.
सत्र में बड़ा अनुपूरक बजट ला रही सरकार
सरकार शीतकालीन सत्र में प्रदेश के विकास से जुड़ी योजनाओं और नए प्रोजेक्ट शुरू करने को लेकर अनुपूरक बजट भी लाएगी. 29 नवंबर को दोपहर 12:30 बजे अनुपूरक बजट पेश होगा. 30 नवंबर को अनुपूरक बजट पर चर्चा और मतदान होगा. एक दिसंबर को विधानसभा सत्र में विधायी कार्य होंगे. योगी सरकार सत्र में बड़ा अनुपूरक बजट ला रही है. 42 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट हो सकता है. अनुपूरक बजट के जरिए योगी सरकार विकास कार्यों को गति देगी. तीर्थ विकास परिषद और राज्य राजधानी क्षेत्र को तरजीह मिलेगी.
दो नए लिंक एक्सप्रेस वे समेत कई प्रस्तावों पर चर्चा
सरकार दो नए लिंक एक्सप्रेस वे के लिए भी धन की व्यवस्था सरकार करेगी. पांच एक्सप्रेस वे के दोनों किनारों पर तीस औद्योगिक गलियारों के लिए भी बजट आ सकता है. अयोध्या के विकास और गन्ना के बकाया भुगतान के लिए स्पेशल पैकेज आ सकता है. पिछले अनुपूरक बजट 33,768 करोड़ की तुलना में इस बार बजट 8500 करोड़ ज्यादा होगा. इसके अलावा विधाई कार्यों के अंतर्गत राज्य सरकार कई विधेयक भी सदन के पटल पर रख सकती है. यह सब कार्य मंत्रणा सदन की बैठक में तय होगा कि सरकार कौन-कौन से विधेयक लाने वाली है.
इसके साथ ही विपक्षी दलों की तरफ से सदन की कार्यवाही के दौरान सरकार को जनहित से जुड़े तमाम विषयों पर घेरने का काम किया जाएगा. कानून व्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दे पर सरकार को सदन में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पार्टी घेरने का काम करेगी.
मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी की तरफ से जाति जनगणना जैसे विषयों पर भी सरकार से सवाल पूछे जा सकते हैं. उत्तर प्रदेश में निराश्रित पशुओं की समस्या सहित कानून व्यवस्था, महंगाई और बेरोजगारी जैसे विषयों पर पर सरकार से जवाब तलब किया जाएगा. भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के विधायक दल की बैठक भी आयोजित की जाएगी. इसमें सदन में अपनी-अपनी पार्टियों के कामकाज को लेकर भी चर्चा होगी. भाजपा विधायक दल के साथ ही सहयोगी दल अपना दल, सुहेलदेव और भारतीय समाज पार्टी के विधायकों की बैठक आयोजित होगी.
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