लखनऊ :कई ऐसी बीमारियां हैं जो पुरुष की तुलना में महिलाओं में आम है. ऑस्टियोपोरोसिस भी एक ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियां कमजोर और नाजुक हो जाती हैं. ऑस्टियोपोरोसिस में नई हड्डी उतनी तेजी से नहीं बनती है, जितनी तेजी से पुरानी हड्डी नष्ट होती है. अधिकतर महिलाएं 30 वर्ष की आयु के बाद बहुत मोटी होने लगती है. इससे इनकी नई हड्डियां बननी समाप्त हो जाती हैं और पुरानी हड्डियां कमजोर हो जाती हैं.
वीरांगना झलकारीबाई महिला अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ. निवेदिता कर ने बताया कि 'अस्पताल में रोजाना लगभग 200 से 300 महिलाओं की ओपीडी होती है. ओपीडी में गर्भवती महिलाएं आती हैं. गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन, कैल्शियम, विटामिन और प्रोटीन की कमी होने के चलते ऑस्टियोपोरोसिस की दिक्कतें होती है. ऐसे में उन्हें काफी दर्द तकलीफ़ से गुजरना पड़ता हैं. जब महिलाएं गर्भवती होती हैं उस समय उन्हें आयरन, कैल्शियम, विटामिन D3 की आवश्यकता बहुत होती है और उसी समय महिलाओं के शरीर में इन तत्वों की कमी होती है, जिस कारण से महिलाओं के शरीर में दर्द निरंतर बना रहता है. उनकी हड्डियों में भी दर्द शुरू हो जाता है. प्रसव होने के बाद मां अपने बच्चे को दूध पिलाती हैं, दूध में कैल्शियम होता है. यह उसके शरीर से ही बनता है ऐसे में महिलाएं शारीरिक तौर पर कमजोर हो जाती हैं.'
ऑस्टियोपोरोसिस से बचाव |
- तनाव मुक्त रहें. |
- ऑयल मसाज करें. |
- अपनी डाइट में तिल शामिल करें. |
- रेगुलर हेल्थ चेकअप करवाएं. |
- प्रतिदिन एक्सरसाइज करें. |
- कैल्शियम का सेवन अधिक करें. |
- विटामिन डी के लिए धूप सेकें. |
- विटामिन की कमी न होने दें. |
- मोटापा कम करें. |
- प्लांट एस्ट्रोजेन का चुनाव करें. |
- स्मोकिंग और एल्कोहल का सेवन छोड़ दें. |