उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

इस तकनीक से UP में कोरोना संक्रमण पर लगी लगाम, WHO ने की तारीफ

उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए योगी सरकार द्वारा अपनाई गई कांटेक्‍ट ट्रेसिंग तकनीक की विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने सराहना की है. डब्ल्यूएचओ ने कहा कि यूपी में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए योगी सरकार ने कांटेक्‍ट ट्रेसिंग की जो प्रक्रिया अपनाई है, वह भारत के दूसरे राज्‍यों के लिए अनुकरणीय है.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ.

By

Published : Nov 17, 2020, 3:30 PM IST

लखनऊ: एक के बाद एक उपलब्धि योगी सरकार के साथ जुड़ती जा रही है. कोरोना संक्रमण से बचाव में उत्तर प्रदेश सरकार की रणनीति को 'विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन' (डब्ल्यूएचओ) ने सराहनीय बताया है. डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना पीड़ित मरीजों के सम्‍पर्क में आए 93 प्रतिशत लोगों की कांटेक्‍ट ट्रेसिंग कर कोरोना की रफ्तार पर लगाम कसी है. कोविड-19 बचाव के लिए यूपी सरकार ने जो कांटेक्‍ट ट्रेसिंग की रणनीति अपनाई है, वह दूसरे प्रदेशों के लिए नजीर बन सकती है.

मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की पहल पर स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शुरुआत से ही ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. रिपोर्ट के अनुसार यूपी में कोरोना के 4 लाख 74 हजार 054 केस सामने आ चुके हैं. देश की जनसंख्‍या के हिसाब से सबसे बड़ा प्रदेश होने के बावजूद कोविड-19 संक्रमण को रोकने के लिए यूपी सरकार ने जो कदम उठाए हैं, वह दूसरी सरकारों के लिए अनुकरणीय हैं.

75 जिलों में 800 चिकित्सा अधिकारियों की तैनाती
योगी सरकार ने डब्ल्यूएचओ के साथ‍ मिल कर कोविड-19 संक्रमण रोकने के लिए बड़े स्‍तर पर कांटेक्‍ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया को शुरू किया. यूपी सरकार के राष्‍ट्रीय सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी परियोजना ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन के साथ मिलकर कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए यूपी के 75 जिलों में 800 चिकित्‍सा अधिकारियों की तैनाती की, जिन्‍होंने एक से 14 अगस्‍त के बीच 58 हजार लोगों की जांच की.

WHO के साथ मिलकर किया काम
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य निगरानी अधिकारी डॉ. विकासेंदु अग्रवाल बताते हैं कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे प्रदेश में 70 हजार से अधिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता फ्रंट लाइन पर काम कर रहे हैं, जो कोविड-19 बीमारी से ग्रस्‍त अत्यंत गंभीर मरीजों तक पहुंच रहे हैं. कोविड संक्रमित मरीजों के सम्‍पर्क में आए लोगों की कांटेक्‍ट ट्रेसिंग कर रहे हैं. इसी वजह से संक्रमण की रफ्तार धीमी हुई है. डब्ल्यूएचओ की मेडिकल अधिकारियों ने यूपी सरकार की ओर से की जा रही कांटेक्‍ट ट्रेसिंग की निगरानी की थी. इसके बाद डब्ल्यूएचओ ने सरकार के प्रयासों की सराहना की.

यूपी ने ऐसे रोका संक्रमण
राष्‍ट्रीय सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य निगरानी परियोजना ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की ओर से तैयार की गई 800 चिकित्‍सा अधिकारियों की प्रशिक्षित टीम ने कांटेक्‍ट टेस्‍टिंग, टेलीफोनिक साक्षात्‍कार, सर्वे और कोरोना संक्रामित मरीज के परिवार की जांच कराने के साथ उनसे लगातार सम्‍पर्क बनाए रखा. कोरोना संक्रमण के विश्लेषण के लिए राज्य कार्यालय में दैनिक डेटा एकत्र किया गया. सरकार के साथ संक्रमण की रफ्तार को लेकर नियमित समीक्षा की गई और डेटा को साझा किया गया.

संक्रमण को छुपा रहे थे लोग
डब्ल्यूएचओ के फील्‍ड मॉनिटर अजय श्रीवास्‍तव बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के खौफ की वजह से लोग जानकारी छुपाने का काम कर रहे थे. ऐसे में चिकित्सा अधिकारियों की टीम ने लोगों को जागरूक किया. बीमारी की गंभीरता के बारे में बताया. डब्ल्यूएचओ के क्षेत्रीय टीम लीडर डॉ. मधुप बाजपेई बताते हैं कि एक लाख 63 हजार 536 कोविड-19 संक्रामित मरीज के कांटेक्‍ट में आने वाले 93 प्रतिशत लोगों की जांच की गई. हालांकि इसमें से संक्रामित मरीज के कांटेक्‍ट में आने वाले सात प्रतिशत लोग की कांटेक्‍ट ट्रेसिंग की जांच नहीं हो पाई थी.

यूपी की रणनीति दूसरे राज्यों के लिए अनुकरणीय
वहीं 17 जिले ऐसे थे, जहां उच्‍च जोखिम वाले 10 प्रतिशत लोगों का सम्‍पर्क परीक्षण नहीं हो पाया था. वहां बाद में कांटेक्‍ट टे‍स्टिंग व जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया. सरकार ने हाई-केस लोड वाले जिलों में निगरानी गतिविधियों को मजबूत करने के लिए और टीमों को तैनात किया. बीमारी के प्रकोप को नियंत्रित करने के संपर्क ट्रेसिंग की भूमिका सबसे महत्‍वपूर्ण साबित हुई. डब्ल्यूएचओ के कंट्री रिप्रजेंटेटिव टू इंडिया डॉ. रोडेरिको टूरीन कहते हैं कि यूपी सरकार ने संक्रमण को रोकने के लिए यूपी सरकार ने कांटेक्‍ट ट्रेसिंग की जो प्रक्रिया अपनाई है, वह भारत के दूसरे राज्‍यों के लिए अनुकरणीय है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details