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Weapons in Uttar Pradesh: स्टेटस सिंबल बने लाइसेंसी हथियार, आत्मरक्षा नहीं जान लेने के लिए आ रहे काम - guns are being used to kill instead of self defense

यूपी में लाइसेंसी हथियार स्टेटस सिम्बल बन गए हैं. आत्मरक्षा के लिए दिए जाने वाले लाइसेंसी हथियार जान लेने के काम आ रहे हैं. पुलिस रिकार्ड के अनुसार, लखनऊ में साल 2021 में 8 माह के दौरान 10 से ज्यादा लोगों ने लाइसेंसी शस्त्र का इस्तेमाल अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए किया. इसी तरह कत्ल की घटनाओं में भी लाइसेंसी हथियार इस्तेमाल हुए.

प्रतिकात्मक चित्र.
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Published : Aug 31, 2021, 9:27 AM IST

लखनऊ: यूपी में लाइसेंसी हथियार स्टेटस सिम्बल बन गए हैं. आत्मरक्षा के लिए दिए जाने वाले लाइसेंसी हथियार जान लेने के काम आ रहे हैं. सच तो यह है कि ऐसे हथियारों से सुरक्षा के लिए एक भी फायर नहीं हो रहे हैं, बल्कि पुलिस रिकार्ड बता रहे हैं कि लाइसेंसी असलहों से कत्ल और खुदकुशी की घटनाएं हो रही हैं. पुलिस अफसर भी इस तथ्य से चिंतित हैं कि लाइसेंसी हथियार सुरक्षा की बजाय कानून-व्यवस्था के लिए मुसीबत बन रहे हैं.

यूपी के अपर मुख्य सचिव नगर विकास IAS रजनीश दुबे के निजी सचिव विश्वंभर दयाल के लाइसेंसी हथियार से आत्महत्या की कोशिश करने की वारदात ने एक बार फिर लाइसेंसी हथियार के दुरुपयोग पर सवाल खड़ा हो रहा है. बीते सोमवार दोपहर विश्वंभर दयाल ने जन्माष्टमी को अवकाश के दिन बापू भवन में लाइसेंसी असलहे से खुद को गोली से उड़ा लिया. वह अपनी बहन के ससुराल से चल रहे विवाद में उन्नाव स्थित औरास थाने में मुकदमा लिखे जाने से पुलिस प्रताड़ना से आहत थे. गंभीर हालत में उन्हें लोहिया अस्पताल ले जाया गया. वहां उनका इलाज चल रहा है. वहीं, विश्वंभर दयाल के ऑपरेशन के लिए एक टीम का गठन किया गया, जिसमें न्यूरोसर्जरी, निश्चेतना, सामान्य शल्य चिकित्सा विभाग के चिकित्सक शामिल किए गए. करीब 4 घंटे चले ऑपरेशन के बाद उनके सिर में लगी गोली को निकाला गया, जिसके बाद उन्हें संस्था के आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया है. उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है.


इससे पूर्व बीते 18 मई 2021 को वाराणसी में जीएसटी असिस्टेंट कमिश्नर (डिप्टी कमिश्नर) के पद पर तैनात संजय शुक्ला ने लखनऊ के गोमतीनगर विस्तार स्थित सरयू अपार्टमेंट के अपने फ्लैट में लाइसेंसी रिवॉल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली. मूलरूप से आजमगढ़ के संजय शुक्ला के सरयू अपार्टमेंट स्थित फ्लैट में सुसाइड करने से 12 दिन पूर्व 25 लाख रुपयों की चोरी हुई थी. चोरी वारदात के बाद से ही वह वाराणसी से लखनऊ पहुंचे हुए थे. घटना के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर समेत कई अफसरों से मिले, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. बताया गया कि पुलिस के रवैये से आहत होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.

यही नहीं, बीते 8 मार्च 2021 को लखनऊ के पारा इलाके में आपसी झगड़े के बाद पति अरविंद मिश्रा ने लाइसेंसी बंदूक से पत्नी राखी मिश्रा (35) की गोली मारकर हत्या कर दी. रायबरेली के ऊंचाहार में रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर तैनात अरविंद मिश्रा अपने परिवार के साथ सूर्य नगर जलालपुर रेलवे फाटक के पास का रहने वाला था. पुलिस ने बताया कि अरविंद शराब का लती था. वह शराब के नशे में घर पहुंचा. वहां पत्नी राखी मिश्रा से विवाद हुआ. इसके बाद अरविंद ने लाइसेंसी बंदूक से गोली मार दी। बाद में पुलिस ने आरोपी अरविंद को जेल भेजा.

पुलिस रिकार्ड के अनुसार, लखनऊ में साल 2021 में 8 माह के दौरान 10 से ज्यादा लोगों ने लाइसेंसी शस्त्र का इस्तेमाल अपनी जिंदगी खत्म करने के लिए किया. इसी तरह कत्ल की घटनाओं में भी लाइसेंसी हथियार इस्तेमाल हुए.

पुलिस के लिए यह चिंता की बात है, क्योंकि शस्त्र लाइसेंस इसी शर्त पर दिए जाते हैं कि उनका इस्तेमाल विकट परिस्थिति में आत्मरक्षा के लिए किया जाएगा, लेकिन पिछले सालभर के दौरान आत्म सुरक्षा के लिए फायर का एक भी केस सामने नहीं आया. पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने बापू भवन में IAS रजनीश दूबे के निजी सचिव विश्वंभर दयाल की आत्महत्या की कोशिश करने के बाद थानेदारों को आदेश दिया है कि बिना इस्तेमाल किए जाने वाले लाइसेंस निरस्त करने की रिपोर्ट भेजी जाए.

यूपी पुलिस ने अभी तक मुख्तार के 158 गुर्गों को गिरफ्तार कर उनके 122 असलहों के लाइसेंस रद्द किए हैं. जबकि मऊ में मुख्तार से जुड़े 42 लोगों के 45 शस्त्र लाइसेंस को प्रशासन ने निलंबित कर दिया है. वहीं, अतीक अहमद पर योगी सरकार ने अतीक गैंग के 60 सदस्यों के असलहों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. पूर्व सांसद अतीक अहमद के 3 शस्त्र लाइसेंस पिछले दिनों शियाट्स में हुए बवाल के बाद निरस्त करने की कार्रवाई की गई थी.

यूपी में करीब 25 करोड़ की जनसंख्या में अब तक करीब 14 लाख लोग हथियार रखने के लिए लाइसेंस जारी करवा चुके हैं. इसमें लखनऊ में करीब 60 हजार लाइसेंसी हथियार जारी किए गए हैं. सरकारी आंकड़े की मानें तो लखनऊ में हर साल 3,000 शस्त्र आवेदन किया जाता है. वर्ष 2021 के 8 माह में 10 से ज्यादा लोगों ने लाइसेंसी हथियार से गोली मारकर खुदकुशी की और कत्ल में इसका इस्तेमाल हुआ.


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