उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

सावधान! बढ़ रहा है साइबर क्राइम, इन बातों का रखें ध्यान - साइबर क्राइम केसेस

पूरे देश में तेजी से साइबर अपराध के मामले बढ़ रहे हैं. आए दिन सोशल साइट्स का गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. एसीपी क्राइम साइबर सेल ने सोशल साइट्स इस्तेमाल करते समय कुछ सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं, जानिये क्या हैं मुख्य बातें...

कॉन्सेप्ट इमेज.
कॉन्सेप्ट इमेज.

By

Published : Feb 26, 2021, 10:38 PM IST

लखनऊ: इंटरनेट का इस्तेमाल करने वालों को अब साइबर क्राइम की समस्या का अंदाजा होने लगा है. हर दिन ईमेल, फेसबुक अकाउंट, कंप्यूटर, क्रेडिट कार्ड या नेटबैंकिंग अकाउंट से जुड़ी साइबर क्राइम की सैकड़ों खबरें आती हैं. साइबर क्राइम होने पर कौन-कौन से जरूरी और एहतियाती कदम उठाने चाहिए, इसके लिए पढ़िए ये रिपोर्ट...

जानकारी देते एसीपी क्राइम विवेक रंजन राय.

सतर्कता अपनाकर साइबर क्राइम को मात दें

दरअसल, बीते दिनों लखनऊ की 30 वर्षीय एक युवती का फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था. युवती के अकाउंट से कई लोगों को अश्लील मैसेज किए गए थे. इस बात का पता उन्हें तब चला जब उन्होंने कई दिनों बाद फेसबुक लॉग-इन किया. इसके बाद कथित युवती ने अपने दोस्तों को किसी तरह समझाया कि उसने मैसेज नहीं किया है. उन्होंने बताया कि अब वह सोशल मीडिया से दूरी बना चुकी हैं. उन्हें नहीं लगता कि वह दोबारा से सोशल प्लेटफॉर्म से जुड़ पाएंगी. सोशल मीडिया पर साइबर क्राइम का यह कोई पहला केस नहीं है, बल्कि ऐसे मामले प्रतिदिन होते हैं.

इसे भी पढ़ें :महंगी पड़ी ऑनलाइन शॉपिंग, ठगों ने दो खातों से उड़ाए लाखों

एसीपी क्राइम साइबर सेल विवेक रंजन राय ने बताया कि साइबर क्राइम की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. कभी किसी महिला की फोटो से छेड़खानी की जाती है, तो कभी उसे अश्‍लील मैसेज भेजकर परेशान किया जाता है. बावजूद इसके इन साइट्स का इस्तेमाल करते समय हम सुरक्षा मानकों को नजरअंदाज कर देते हैं. उन्होंने कहा कि हमें तकनीक अधिनियम के नियमों का अच्छे से ख्याल रखना चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि साइबर क्राइम से सिर्फ सतर्कता ही बचा सकती है.

इसे भी पढ़ें :साइबर क्राइमः राजधानी बनी बैंकिंग फ्रॉड का हब, 95% मामले बढ़े

सजा का ये है प्रावधान

भारत में साल 2000 में सूचना तकनीक अधिनियम (आईटी एक्ट) पारित हुआ, जिसमें साल 2008 में कुछ संशोधन किए गए. आईटी एक्ट की धारा 66-ए के तहत कंप्यूटर और अन्य संचार माध्यमों के जरिए ऐसे संदेश भेजने की मनाही है, जिससे किसी को परेशानी हो, उसका अपमान हो, उसे खतरा हो या उस व्यक्ति को मानसिक चोट पहुंचे. व्यक्ति को आपराधिक उकसावा मिले या दुर्भावना या शत्रुता की भावना से प्रेरित हो. इसका उल्लंघन करने पर 3 साल तक की सजा या जुर्माना का भी प्रावधान है.

आईटी एक्ट 2008 (संशोधित) की धारा 67-बी के तहत चाइल्ड पोर्नोग्राफी के अपराध के लिए 5 साल की जेल या 10 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान है. आज के जमाने में खुद को और बच्चों को साइबर वर्ल्ड से पूरी तरह दूर रखना नामुमकिन है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप साइबर क्राइम का शिकार होने से बच सकते हैं.

इन बातों का रखें ध्यान

  • सोशल साइट के सिक्योरिटी सिस्टम को एक्टिवेट करें.
  • किसी भी अनजान शख्स की फ्रेंड रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट न करें.
  • किसी के गलत मैसेज का जवाब न दें.
  • अपनी फोटो व पर्सनल डिटेल को रिस्ट्रिक्ट कर दें, ताकि अनजान व्यक्ति उस तक न पहुंच सके.
  • ऑनलाइन निजी जानकारी (फोन नंबर, बैंक डिटेल आदि) किसी से शेयर न करें.
  • उत्तेजक स्क्रीन नाम या ईमेल एड्रेस का इस्तेमाल न करें.
  • किसी अनजान शख्स से ऑनलाइन फ्लर्ट या बहसबाजी न करें.
  • अपना पासवर्ड किसी से शेयर न करें.
  • एक अच्छे एंटी वायरस प्रोग्राम का इस्तेमाल करें.
  • ऑनलाइन लॉटरी जीतने वाले ईमेल का जवाब न दें.
  • कोई अनजान शख्स इंटरव्यू, नौकरी या कोई गिफ्ट देने के बहाने यदि आपकी बैंक डिटेल्स मांगता है तो ऐसे ईमेल का भी जवाब न दें.
  • समय-समय पर पासवर्ड बदलते रहें.
  • सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर दोस्तों की संख्या सीमित रखें.
  • सोशल साइट्स पर पर्सनल फोटो अपलोड करने से बचें.
  • यदि आपके कंप्यूटर में वेबकैम लगा है तो ध्यान रखें कि इस्तेमाल न होने पर उसे अनप्लग कर दें.

ABOUT THE AUTHOR

...view details