लखनऊ: वन्य जीव प्राणी सप्ताह का उद्घाटन शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किया. इस अवसर पर उन्होंने एक प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. इस दौरान ईटीवी भारत ने इस बात की तस्दीक की, कि जंगलों में वन्यजीवों से किस प्रकार से रेस्क्यू किया जाता है. फॉरेस्ट विभाग के कर्मचारी और चिकित्सकों की टीम बाघ, शेर, हाथी जैसे वन्यजीवों को नियंत्रित करने के लिए अत्याधुनिक हथियार और तकनीक का उपयोग करते हैं.
जब कोई जानवर जंगल में परेशान करता है या कई बार वह जानवर बाहर आ जाता है तो उसके लिए सीरेंज गन का प्रयोग किया जाता है. वन्यजीवों को नियंत्रित करने के लिए कार्बन डाइऑक्साइड गैस चलित सिरेंज प्रोजेक्टर यानी गन का उपयोग किया जाता है. इससे रासायनिक का प्रयोग करते हुए अपेक्षाकृत लंबी दूरी पर अवस्थित संघर्ष कर रहे वन्य जीव का निश्चेतन करते हैं.
इसके अलावा एक पिस्टल भी है, जिसका उपयोग कम दूरी पर और छोटे जानवरों के लिए किया जाता है. पिछले दिनों बरेली में एक हाथी को रेस्क्यू किया गया था. उस समय भारत के कई प्रसिद्ध डॉक्टर आए हुए थे, जहां ऐसी ही गन का उपयोग किया गया था. रात्रि के समय वन्यजीवों को नियंत्रित करने के सवाल पर डॉ. दयाशंकर कहते हैं कि नाइट विजन कैमरे का उपयोग करते हैं.