लखनऊ: महाराष्ट्र और गुजरात के तटीय इलाकों में तबाही मचा रहे चक्रवाती तूफान तौकते का असर गुरुवार को राजधानी लखनऊ में भी दिखा. यहां आज दिन भर लगातार बारिश होती रही, जिसके कारण लोगों को काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ा. बारिश ने नगर निगम की पोल खोल कर रख दी है. नगर निगम भले ही लगातार नाले-नालियों को साफ कराए जाने का दावा कर रहा. बावजूद इसके पहली बारिश में जिस तरह से राजधानी के विभिन्न इलाकों में जलभराव की स्थिति हो गई है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि नगर निगम के दावे और जमीनी हकीकत में कितना अंतर है.
क्या कहते हैं नगर आयुक्त
चक्रवाती तूफान के कारण हो रही बारिश से जगह-जगह जलभराव के सवाल पर नगर आयुक्त अजय द्विवेदी का कहना है कि प्रदेश में लगातार बढ़ रहे संक्रमण के कारण नगर निगम के कर्मचारी लगातार राजधानी में सैनिटाइजेशन के काम में लगे थे, इस कारण नाले और नालियों की सफाई अभी पूरी नहीं हो पाई है. नगर आयुक्त का कहना है कि 30 मई तक इसे पूरा करा लिया जाएगा, जिससे राजधानी के लोगों को किसी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े.
क्या कहती हैं महापौर
नालों की साफ-सफाई के सवाल पर लखनऊ के महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि राजधानी की जनता को जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े. इसके लिए लखनऊ नगर निगम तैयार है. महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि नगर निगम के सभी 8 जोन का निरीक्षण किया जा चुका है और कर्मचारियों की कमी के कारण मशीनों का भी प्रयोग इस बार नालों की साफ सफाई में किया जाएगा.इसके लिए 5 करोड रुपए के बजट का भी प्रावधान किया गया है. जिससे कि नालों की सफाई में किसी तरह की समस्या न हो.
राजधानी में है 1589 छोटे बड़े नाले
राजधानी लखनऊ में यदि नालों की संख्या पर बात की जाए तो 1589 छोटे-बड़े नाले हैं. नगर आयुक्त के मुताबिक, इन नालों की सफाई का कार्य संक्रमण के कारण प्रभावित हो रहा है, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम के 45 कर्मचारियों की संक्रमण से मौत हो चुकी है. लगभग 400 से अधिक कर्मचारी आइसोलेशन में हैं.