लखनऊ: उत्तरप्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड का कार्यकाल खत्म होने के बाद से ही लॉकडाउन के चलते दोनों बोर्ड की चुनाव प्रक्रिया रुकी हुई है. इससे नये बोर्ड का गठन लंबित है. शिया वक्फ बोर्ड के 4 बार चुने गए चेयरमैन वसीम रिजवी ने अपने कार्यकाल में राम मंदिर की पैरवी को सबसे यादगार और अहम मामला बताया.
वसीम रिजवी ने कहा कि वह अपने आप को खुशकिस्मत समझते हैं कि चेयरमैन पद पर रहते हुए उन्होंने हिंदुस्तान का सबसे विवादित मामला राम जन्मभूमि प्रकरण में बात रखी. उन्होंने कहा कि हमने बिना किसी दबाव में आते हुए सुप्रीम कोर्ट में शिया वक्फ बोर्ड का पक्ष रखा और हक की बात कही, जिसके बाद से ही उनको जान से मारने की धमकियां मिलने लगीं. वसीम रिजवी ने कहा कि उनकी गर्दन काटने के फतवे तक दिए गए और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ने मारने के लिए अपने आदमी भेजे, लेकिन इन सबके बावाजूद उन्होंने राम मंदिर की पैरवी की और कोर्ट में बात रखी कि अयोध्या ही राम जन्मस्थान है और वहां पर राम मंदिर बनना चाहिए.
पद से हटने के बाद क्या बोले रिजवी