लखनऊःअपने विवादित बयानों से अक्सर सुर्खियों में रहने वाले उत्तर प्रदेश शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के नव-निर्वाचित सदस्य वसीम रिजवी ने कोरोना महामारी पर चिंता जाहिर की है. रिजवी ने कहा कि इस महामारी के चलते कोई घर में कैद है तो किसी के अपने दुनिया से रुखसत हो रहे हैं. बेहतर होगा कि इस वक्त सारी लड़ाई भूलकर हम एक-दूसरे का सहारा बनें और मदद करें. वसीम रिजवी के दामाद की पिछले दिनों कोरोना से मौत हो गई थी, जिसके बाद उनका यह बयान सामने आया है.
करीबियों का हाल ही में निधन
कोरोना महामारी पूरे देश में कहर बरपा रही है. जिन स्थानों पर सबसे गंभीर स्थिति है, लखनऊ उनमें से एक है. वसीम रिजवी के बेहद करीबी और रिश्ते के भाई मुकर्रम हुसैन (भैयू ) की कुछ वक्त पहले कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी. इसके कुछ ही दिन बाद रिजवी के दामाद मीसम का भी कोरोना संक्रमण के चलते निधन हो गया. अपनों को खोने के बाद वसीम रिजवी ने कई दिन बाद मीडिया में बयान जारी कर कहा कि सारी लड़ाईयां बाद में लड़ लेंगे, अभी एक-दूसरे की मदद का वक्त है.
इसे भी पढ़ेंः अगले कुछ हफ्तों में कोरोना के मामलों में आएगी गिरावट : एक्सपर्ट
लड़ाइयां भूलकर एक-दूसरे का सहारा बनें
शनिवार को बयान जारी कर वसीम रिजवी ने कहा कि कोई मूर्तद, कोई काफिर तो कोई कुरान की जंग में पड़ा है. पूरा देश इस वक्त कोरोना महामारी को झेल रहा है. उन्होंने कहा कि कोई अपने घरों में सहमा हुआ बैठा है तो कोई अपनों को खो रहा है. बेहतर होगा कि इस वक्त सारी लड़ाइयां भूलकर एक-दूसरे का सहारा बनें और लोगों की मदद करने के लिए आगे आएं. वसीम रिजवी ने कहा कि यह कुरान, यह मूर्तद, यह काफिर और धर्म की जंग हम लोग बाद में लड़ लेंगे. सबसे पहले कोरोना से लड़ें.
रहे थे विवाद में
बता दें कि वसीम रिजवी पहले भी विवादों में रह चुके हैं. उन्होंने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी अपील खारिज कर दी थी लेकिन इस याचिका को लेकर मुस्लिम समुदाय ने उनका बहिष्कार किया था. उनके खिलाफ तमाम धरना-प्रदर्शन किया गया था. वसीम रिजवी पहले भी शिया वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रह चुके हैं. हाल ही में दोबारा उन्हें शिया वक्फ बोर्ड का सदस्य चुना गया है.