हरिद्वार: धर्मनगरी हरिद्वार धर्म संसद में भड़काऊ भाषण मामले में गिरफ्तार किये गये जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. वहीं सीजेएम हरिद्वार की अदालत ने उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.अब वसीम रिजवी के वकील सत्र न्यायालय में अपील करेंगे.
गौरतलब है कि धर्म संसद में भड़काऊ भाषण देने के मामले में जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में कुल 3 मुकदमे दर्ज हैं. एक मुकदमे में पुलिस आरोपी को 41 सीआरपीसी के तहत नोटिस भी जारी कर चुकी थी. अपराध दोहराने पर एक दूसरे मुकदमे में गुरुवार को नारसन बॉर्डर से जितेंद्र नारायण त्यागी (वसीम रिजवी) को गिरफ्तार किया गया था.
जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ वसीम रिजवी की जमानत याचिका खारिज. पढ़ें- जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी ने ली धर्म संसद में भड़काऊ बयान देने की जिम्मेदारी, कहा- जेल जाने के लिए तैयार
गिरफ्तारी के विरोध में स्वामी यति नरसिंहानंद और कई संत सर्वानंद घाट पर सत्याग्रह कर रहे हैं. इस बीच शनिवार को जितेंद्र नारायण त्यागी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सीजेएम मुकेश चंद्र आर्य की अदालत ने अर्जी खारिज कर दी है.
ये है पूरा मामला
हरिद्वार में 17 से 19 दिसंबर के बीच धर्म संसद का आयोजन किया गया था. इसमें वक्ताओं द्वारा कथित तौर पर विशेष धर्म समुदाय के खिलाफ भड़काऊ भाषण दिया गया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हुआ था. इसी वीडियो के आधार पर हरिद्वार के ज्वालापुर थाना क्षेत्र के रहने वाले नदीम ने वसीम रिजवी के खिलाफ हरिद्वार शहर कोतवाली में तहरीर दी थी, जिसके आधार पुलिस ने वसीम रिजवी के खिलाफ IPC की धारा 153ए, 298 में मुकदमा दर्ज किया था.
बाद में पुलिस ने वायरल वीडियो क्लिप के आधार पर महामंडलेश्वर धरमदास परमानंद और महामंडलेश्वर अन्नपूर्णा भारती के नाम भी केस दर्ज किया था. इसके बाद सागर सिंधु महाराज, यति नरसिंहानंद गिरि, आनंद स्वरूप, अश्विनी उपाध्याय, सुरेश चव्हाण और प्रमोधानंद गिरि का नाम भी FIR में जोड़ा गया था. इस मामले में बुधवार 12 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी.
कोर्ट ने भी राज्य सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था. इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का भी गठन हुआ है, जो इस मामले की जांच कर रही है. वसीम रिजवी के गिरफ्तारी पर हरिद्वार एसएसपी योगेंद्र सिंह रावत ने बताया था कि रिजवी पर तीन मामले दर्ज हैं. ये गिरफ्तारी तीसरे मामले में हुई है. रिजवी को काफी समय से नोटिस दिया जा रहा था, लेकिन वो जवाब नहीं दे रहे थे, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया.
गौर हो कि, वसीम रिजवी मूल रूप से लखनऊ के रहने वाले हैं. साल 2000 में वह लखनऊ के मोहल्ला कश्मीरी वार्ड से सपा के नगर सेवक चुने गए. 2008 में शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के सदस्य और फिर बाद में बोर्ड के अध्यक्ष बने. वसीम रिजवी ने कुरान से 26 आयतों को हटाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था साथ ही याचिका को लेकर वसीम रिजवी पर जुर्माना भी लगाया था.