लखनऊ: लोकसभा चुनाव के पांच चरणों में प्रदेश की 53 सीटों पर मतदान हो चुका है. 2014 के लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार मतदान का स्तर कम रहा है. अब तक जिन सीटों पर वोटिंग हो चुकी है उनमें से करीब आधी सीटों पर पिछले चुनाव के मुकाबले कम मतदान हुआ है. कुल 23 सीटों पर मतदान में गिरावट आई है. इनमें से 10 सीटें ऐसी हैं जहां तीन से पांच फीसद की कमी आई है.
निर्वाचन आयोग निष्पक्ष, स्वतंत्र, भय मुक्त और ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने का प्रयास करता रहा है. जमीनी तौर पर आयोग की यह कवायद बहुत ज्यादा रंग नहीं ला सकी है. उत्तर प्रदेश में दो दर्जन सीटों पर मतदान में कमी से इसका अंदाजा लगाया जा सकता है. सूरत ए हाल यह है कि राजधानी लखनऊ जैसी सीटों पर मतदान 54% पर सिमट गया. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में यहां मत फीसदी में इजाफा हुआ है.
सहारनपुर, धौराहरा, सीतापुर, कैराना आदि क्षेत्रों में मतदान को लेकर दिलचस्पी कम देखी गई. पिछले चुनाव की तुलना में इन सीटों पर पांच से छह फीसद तक गिरावट हुई है. अधिक गर्मी को इस गिरावट की वजह बताया जा रहा है.
मतदान में गिरावट के लिए राजनीतिक दल जुदा राय रखते हैं. कांग्रेस प्रवक्ता बृजेंद्र सिंह का कहना है कि मोदी सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा है इसलिए जो भाजपा के समर्थक थे वह मतदान करने के लिए निकले ही नहीं हैं. मोदी ने जो वादा करके सत्ता हासिल की थी वह वादा पूरा न कर सके हैं. आलम यह है कि खुद बीजेपी के कार्यकर्ताओं में निराशा है.