लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के चौथे चरण के लिए आज मतदान होगा. इस चौथे चरण में प्रदेश के 9 जिलों की 59 सीटों पर चुनाव हो रहा है. इन 59 विधानसभा सीटों पर 624 उम्मीदवार सियासी रणभूमि में उतरे हैं. इस चरण में होने वाले चुनाव में कई बड़े नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है तो अपने-अपने गढ़ बचाने की भी चुनौती है. मतदान सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा. शाम 6 बजे तक मतदान केंद्रों के अंदर पहुंचकर लाइन में लगने वाले सभी को मताधिकार का अवसर मिलेगा. 2017 के विधानसभा चुनाव के चौथे चरण की 59 विधानसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी गठबंधन ने 51 सीट जीतने में सफलता प्राप्त की थी. जबकि समाजवादी पार्टी के खाते में 4 सीटें गईं थीं और कांग्रेस व बसपा के खाते में दो-दो सीट ही आई थी.
दो करोड़ 12 लाख से अधिक मतदाता
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला के अनुसार 5 जनवरी 2022 को प्रकाशित मतदाता सूची के अनुसार चौथे चरण में कुल 2,12,90,564 (2 करोड़ 12 लाख 90 हजार 564) मतदाता हैं. इसमें 1,14,03,306 पुरुष मतदाता, 98,86,286 महिला मतदाता और 972 थर्ड जेंडर के मतदाता शामिल हैं. उन्होंने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग की तरफ से मतदान का समय प्रातः 7 बजे से शाम 6 बजे तक निर्धारित किया गया है.
कई मंत्रियों सहित अन्य नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर
चौथे चरण में योगी सरकार के कई मंत्रियों तो अन्य कई बड़े विपक्षी नेताओं की भी प्रतिष्ठा दांव पर लगी है. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी के गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में भी बेहतर प्रदर्शन करने की चुनौती कांग्रेस के लिए है. योगी सरकार के कानून मंत्री बृजेश पाठक राजधानी लखनऊ की कैंट विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में हैं. इसी तरह योगी सरकार में मंत्री आशुतोष टंडन उर्फ गोपाल टंडन लखनऊ पूर्व सीट से एक बार फिर चुनाव मैदान में हैं. इसके अलावा राज्य मंत्री रणवेंद्र प्रताप सिंह उर्फ धुन्नी सिंह फतेहपुर की हुसैनगंज विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं. भाजपा अपना दल (एस) गठबंधन के अंतर्गत योगी सरकार के राज्यमंत्री जय कुमार जैकी फतेहपुर की बिंदकी की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में वह फतेहपुर की जहानाबाद विधानसभा सीट से चुनाव जीते थे, लेकिन इस बार गठबंधन के अंतर्गत सीट बदलकर उन्हें बिंदकी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ाया जा रहा है.
इसी प्रकार प्रवर्तन निदेशालय से नौकरी छोड़कर आए पूर्व आईपीएस अधिकारी राजेश्वर सिंह राजधानी लखनऊ की सरोजनी नगर सीट से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसे में उनकी प्रतिष्ठा भी दांव पर लगी हुई है कि प्रवर्तन निदेशालय की नौकरी छोड़ने के बाद राजनीति में आए और चुनाव लड़ रहे हैं. इसी सीट से समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक मिश्रा ताल ठोक रहे हैं.
यह भी पढ़ें:राजनीतिक स्वार्थ के लिए प्रदेश को दंगों की आग में झोंकने का रहा है सपा का इतिहास: सीएम योगी
विधानसभा के निवर्तमान उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल हरदोई से चुनाव लड़ रहे हैं. नितिन अग्रवाल पूर्व राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल के बेटे हैं. नितिन अग्रवाल 2017 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी की टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे, लेकिन बाद में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए और बीजेपी ने उन्हें विधानसभा का उपाध्यक्ष निर्वाचित कराया था. अब एक बार फिर वह चुनाव मैदान में हैं, लेकिन इस बार वह भारतीय जनता पार्टी से जनता से आशीर्वाद मांग रहे हैं.
कांग्रेस को अपना गढ़ बचाने की चुनौती
चौथे चरण में रायबरेली में भी चुनाव हो रहा है, ऐसे में रायबरेली में कांग्रेस पार्टी को अपना गढ़ बचाने की सबसे बड़ी चुनौती है. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के दो विधायक रायबरेली से निर्वाचित हुए थे. इनमें रायबरेली सदर से कांग्रेस पार्टी की युवा विधायक के रूप में अदिति सिंह चुनाव जीती थीं. अदिति सिंह बाहुबली विधायक रहे दिवंगत अखिलेश सिंह की बेटी हैं और 2017 में वह कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीती थीं. अब विधानसभा चुनाव 2022 से पहले अदिति सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं हैं. इस बार वह बीजेपी के टिकट पर जनता से आशीर्वाद मांग रहीं हैं. इसके अलावा हरचंदपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी के टिकट पर राकेश सिंह चुनाव जीते थे, लेकिन वह भी दलबदल करते हुए अब भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ रहे हैं. ऐसी स्थिति में कांग्रेस पार्टी को अपने ही गढ़ में अपनों से चुनौती मिल रही है.
सपा के मनोज पांडेय की प्रतिष्ठा दांव पर
रायबरेली के ऊंचाहार विधानसभा सीट से पूर्व मंत्री व निवर्तमान विधायक मनोज पांडे चुनाव लड़ रहे हैं. उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी ने प्रदेश महामंत्री अमरपाल मौर्य को चुनाव मैदान में उतारा है. मनोज पांडे समाजवादी पार्टी के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं. इस बार ऊंचाहार में चुनावी जंग काफी दिलचस्प है. सभी दल इस चुनावी जंग को जीतने के लिए जी जोर से लगे हुए हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि मनोज पांडे एक बार फिर यहां से निर्वाचित होते हैं या नहीं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री रविदास मेहरोत्रा लखनऊ की मध्य सीट से चुनाव मैदान में हैं. इसी तरह समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और कई बार के विधायक नरेंद्र वर्मा सीतापुर की महमूदाबाद सीट से चुनाव मैदान में उतरे हैं.
2017 में भाजपा गठबंधन ने जीतीं 51 सीटें तो सपा के खाते में थीं चार
2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो चौथे चरण की इन 59 विधानसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी को 50 सीटें मिलीं थीं, जबकि भाजपा अपना दल गठबंधन के अंतर्गत अपना दल (एस) को एक सीट पर जीत प्राप्त हुई थी. समाजवादी पार्टी को सिर्फ 4 सीटें ही मिल पाईं थीं. बसपा और कांग्रेस को दो-दो सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था. ऐसे में अब जब 2022 विधानसभा चुनाव के चौथे चरण का मतदान कल बुधवार को होगा तो सभी राजनीतिक दलों को अपना-अपना प्रदर्शन और बेहतर करना होगा.
इन नौ जिलों में चुनाव
चौथे चरण में 9 जिलों में चुनाव हो रहा है. इनमें पीलीभीत, खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा और फतेहपुर शामिल हैं. चौथे चरण की 59 विधानसभा सीटों में 16 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं.