लखनऊ: कोरोना महामारी से बचाव को लेकर लगाए गए लॉकडाउन से हर कोई परेशान और मायूस है. ऐसे समय में राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर के बेजुबान पशु-पक्षियों पर भी इसका सीधा असर साफ नजर आ रहा है. इनके हाव-भाव भी बदले हुए नजर आ रहे हैं.
ईटीवी भारत ने राजधानी लखनऊ के चिड़ियाघर के डायरेक्टर और चिड़ियाघर के वन्य जीव चिकित्सक से इस बारे में बातचीत की. इस दौरान उन्होंने बेजुबान पशु-पक्षियों की दिनचर्या के बारे में हमसे बात साझा की. उन्होंने बताया कि इस समय जानवरों के हाव भाव में अंतर आया है. वन्यजीवों की दिनचर्या भी बदल गई है. भालू पब्लिक को देखता था तो डांस करने लगता था, अब इस समय पब्लिक नहीं है तो हम लोग जाते हैं हमारे कर्मचारी जाते हैं तो वैसे ही वह खुश हो जाता है और डांस करता है. हुक्कू बंदर दर्शकों देखता था तो बहुत ही शोर करता था और बहुत खुश होता था, नाचता भी था. बाकी जो जानवर है ऐसे ही सामान्य रूप से रहते हैं. टाइगर है वह भी घूमता रहता है, जब उसका कीपर उसके पास जाता है तो उसको आवाज देता है दौड़ कर उसके पास जाता है. चिड़ियाघर में सामान्य दिनों में प्रतिदिन हजारों लोग वन्यजीवों को देखने आते थे. ऐसे समय में जब 2 महीने से अधिक लॉकडाउन हो चुका है. यहां के जो वन्य जीव हैं उनके अंदर मायूसी देखने को मिल रही है.
चिड़ियाघर के डायरेक्टर आरके सिंह बताते हैं कि हम इस समय चिड़ियाघर में विशेष सतर्कता बरत रहे हैं और सैनिटाइजेशन व अन्य तरह से बचाव का काम कर रहे हैं. चिड़ियाघर के अंदर जो भी बाहरी कर्मचारी आते हैं तो यहां पर हम सैनिटाइजेशन की व्यवस्था के साथ ही पोटेशियम क्लोराइड रखा हुआ है, उसे इनफैक्ट होकर आते हैं.
उन्होंने बताया कि जो हमारा खाना आता है, उसे भी पूरी तरह से चेक करते हैं. सारे बाड़ों को हमने सैनिटाइज कर रखा है और उन्हीं कर्मचारियों को भी बुलाते हैं जो कि स्वस्थ हैं. कर्मचारी थर्मल स्क्रीनिंग भी कराते हैं, जो हमारे वाहन यूज करते हैं उसे भी सैनिटाइज कराते हैं. हम किसी भी तरह का कोई रिस्क नहीं ले रहे हैं. इसके साथ ही बाहरी लोगों का आना पूरी तरह से शत-प्रतिशत बंद है.