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यूपी में ताबड़तोड़ एक्शन फिर भी पराली जलाने में पिछले साल से आगे निकले किसान - यूपी का पर्यावरण

पर्यावरण को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने पराली जलाने पर कड़े प्रतिबंध के साथ कार्रवाई के प्रावधान किए हैं. बावजूद इसके पराली जलाने में यूपी के किसान हिचक नहीं रहे हैं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Dec 2, 2023, 5:32 PM IST

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक जेपी चौधरी.

लखनऊ : एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण को संरक्षित रखने के लिए किसानों से पराली न जलाने की अपील कर रही है और ऐसा करने वाले किसानों पर जुर्माना लगाकर ताबड़तोड़ एक्शन भी ले रही है. बावजूद इसके किसान हैं कि मान ही नहीं रहे हैं. वह अपने खेतों में ही पराली जला रहे हैं. अब तो पराली जलाने के चलते प्रदूषण का स्तर बढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जाता दी है. सुप्रीम कोर्ट ने तो सख्त तौर पर यह भी निर्देश दिए हैं कि जो किसान पराली जलाते हुए पकड़े जाएं उनको एमएसपी का लाभ ही न दिया जाए. कृषि विभाग भी अब ऐसे किसानों पर सख्ती बरतने के मूड में है और उन्हें चिन्हित भी कर रहा है.

यूपी में पराली पर एक्शन.





कृषि विभाग कर रही जागरूक : कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक जेपी चौधरी बताते हैं कि किसान पराली न जलाएं इसके लिए लगातार कृषि विभाग की तरफ से उन्हें जागरूक किया जा रहा है. उन्हें ऐसे कृषि यंत्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं जिससे वह पराली को जलाने के बजाय पराली बेचना शुरू करें. उन्हें कृषि यंत्रों पर छूट भी दी जा रही है. काफी संख्या में कृषि प्रणाली जलाने से गुरेज भी कर रहे हैं, लेकिन अब भी उत्तर प्रदेश के विभिन्न इलाकों में ऐसे किसानों की संख्या है जो खेतों में पराली जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं. अब ऐसे किसानों पर कृषि विभाग बहुत सख्ती कर रहा है.

यूपी में पराली पर एक्शन.

किसानों पर जुर्माना :वर्ष 2023 में 2751 घटनाएं अभी तक दर्ज की गई हैं जो पिछले साल की तुलना में कुछ अधिक हैं. पिछले साल 1905 घटनाएं हुई थीं. इस बार 2,751 घटनाएं हुई हैं, लेकिन इन घटनाओं में सिर्फ 1,741 घटनाएं ही धान की पराली जलाने से संबंधित हैं. अन्य सब घटनाएं कूड़े जलाने की या फिर ऐसी घटनाएं हैं जो फसल अवशेष से संबंधित नहीं हैं. इस आधार पर देखा जाए तो पराली जलाने की घटनाएं पिछले साल से कम हुई हैं, लेकिन आग लगाने की घटनाएं जिसमें छोटी घटनाएं भी शामिल हैं. सैटेलाइट हर उस घटना को कवर करता है, जहां पर आग लगाई गई हो. इसलिए यह ज्यादा घटनाएं दिख रही हैं. फसल अवशेष जालना हानिकारक है. इसको जलाना नहीं चाहिए. प्रदूषण फैलता है. फिर भी किसान नहीं मान रहे हैं. उन्हें गलती का एहसास कराने के लिए कुछ जुर्माना कृषि और राजस्व विभाग की तरफ से किया गया है. अब तक प्रदेश में 742 किसानों पर 31 लाख 73 हजार का जुर्माना लगाया गया है. जिसके सापेक्ष 19 लाख सात हजार 500 रुपये वसूल किया जा चुके हैं. हमारा प्रयास है कि हम इस तरह से कार्रवाई करें कि जो कंबाइन हार्वेस्टर खेत में प्रयोग हो वह सुपर एक्स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम के हों जिसमें पराली खेत में बची न रहे.







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