लखनऊ: उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा विभाग को शनिवार को नया निदेशक मिल गया. यहां अपर शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय को माध्यमिक शिक्षा निदेशक के पद पर पदोन्नति मिली है. शासन की ओर से इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं. बता दें, विनय कुमार पाण्डेय बीते 3 वर्षों से इस पद का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे थे. विनय कुमार पाण्डेय को 1990 विभाग में पहली बार एसोसिएट जिला विद्यालय निरीक्षक के पद पर तैनाती मिली थी.
कई अधिकारियों को है नाराजगी
अपर शिक्षा निदेशक विनय कुमार पाण्डेय को वर्ष 2014 में अपर शिक्षा निदेशक के पद पर पदोन्नति दी गई थी. बीते 3 वर्षों से वह प्रभारी माध्यमिक शिक्षा निदेशक के रूप में पदभार संभाल रहे थे. यह आदेश न्यायालय और अधिकरण में दायर याचिका के निर्णय के अधीन होगा. विनय कुमार पाण्डेय को दी गई इस जिम्मेदारी पर कई अधिकारियों को नाराजगी भी है. कुछ आला अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि विनय कुमार पाण्डेय को सरकार से नजदीकी का लाभ दिया जा रहा है. कई वरिष्ठ अधिकारियों को किनारे करके उनका रास्ता साफ किया गया.
सुरेंद्र विक्रम बहादुर को बेसिक की जिम्मेदारी
यह पहला फैसला नहीं है जब निदेशक की तैनाती पर सवाल खड़े हो रहे हों, इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से बेसिक शिक्षा निदेशक के पद पर तैनात सर्वेंद्र विक्रम बहादुर के सेवानिवृत्त होने पर भी उन्हें 1 साल का एक्सटेंशन दिया गया और बेसिक शिक्षा निदेशक के पद की जिम्मेदारी संभालने को कहा गया. इस पर भी कई सवाल खड़े हुए थे. बता दें कि बेसिक शिक्षा निदेशक सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो रहे थे. अब उन्हें 1 साल का सेवा विस्तार मिला. ऐसे में उनके बाद के कई वरिष्ठ अधिकारी जो निदेशक बनने का सपना देख रहे थे उन्हें मायूसी हाथ लगी. शासन की ओर से जारी इस फरमान ने बेसिक शिक्षा विभाग के कई अधिकारियों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. पार्टी में सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह की नजदीकियों की चर्चाएं तेज हो गईं.
1982 बैच के पीईएस हैं सर्वेंद्र विक्रम
सर्वेंद्र विक्रम बहादुर सिंह 1982 बैच के पीईएस हैं. उनकी पहचान एक साहित्यकार के रूप में भी है. उनकी गिनती विभाग के साफ छवि के अधिकारियों में होती है. उन्होंने पूर्व निदेशक दिनेश बाबू शर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद बेसिक शिक्षा निदेशक के पद की जिम्मेदारी संभाली थी. वर्ष 2016 में इनके नाम की चर्चा सीबीएसई के चेयरमैन के रूप में भी होने लगी थी.
लखनऊ विश्वविद्यालय के कला संकाय की अधिष्ठाता. कला संकाय में अधिष्ठाता पद पर भी हो गई नियुक्ति
लखनऊ विश्वविद्यालय के कला संकाय में भी अधिष्ठाता पद को लेकर चल रहा विवाद भी शनिवार को खत्म हो गया. विश्वविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग की प्रोफेसर शशि शुक्ला को इस पद की जिम्मेदारी दी गई. विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से शनिवार को इसका आदेश जारी किया गया. वह 19 फरवरी 2022 या अगले आदेशों तक वह इस पद की जिम्मेदारी संभालेंगी.