लखनऊ : परिवहन विभाग, पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सड़क पर ऐसी गाड़ियां भी सरपट दौड़ रही हैं जिनका अस्तित्व ही नहीं रह गया है. कागजों पर ऐसी गाड़ियां पिछले कई साल पहले ही कबाड़ घोषित की जा चुकी हैं. इसके बावजूद उन्हीं नंबर की गाड़ियों से सवारियां ढोई जा रही हैं. खास बात यह है कि हर चौराहे पर पुलिस और यातायात पुलिस तैनात रहती है, उनके सामने से गाड़ियां गुजरती हैं तो वह मुंह फेर लेते हैं. वहीं परिवहन विभाग के अधिकारी सड़क पर उतरकर वाहनों के खिलाफ चेकिंग अभियान भी चलाते हैं, लेकिन यह गाड़ियां उन्हें नजर नहीं आतीं. इसके अलावा दूसरे जिले के डीजल टेंपो राजधानी की फिजां में जहर घोल रहे हैं. पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं, लेकिन जिम्मेदारों को इससे कोई मतलब ही नहीं है.
यातायात के नियमों का "धुआं" उड़ा रहे कबाड़ घोषित विक्रम-टेंपो, जानिए कौन कर रहा मेहरबानी
परिवहन विभाग, पुलिस और यातायात विभाग पर शहर में चलने वाले अवैध वाहनों की निगरानी के साथ साथ कार्रवाई की जिम्मेदारी है, लेकिन वसूली के खेल ने संबंधित विभागों के अफसरों के बांध रखे हैं. यही कारण है कि अपने जीवन की मियाद पूरी कर चुके विक्रम टेंपो जेैसे वाहन शहर में धड़ल्ले से सवारियां ढो रहे हैं.
राजधानी की सड़कों पर ऐसे विक्रम-टेंपो बिना खौफ के संचालित हो रहे हैं जिनकी न फिटनेस है न परमिट और न ही टैक्स जमा है. आरटीओ कार्यालय में इनका रजिस्ट्रेशन समाप्त कर कबाड़ घोषित किया जा चुका है. मड़ियांव से पॉलिटेक्निक तक दर्जनों की संख्या में ऐसे विक्रम टेंपो संचालित हो रहे हैं. इससे परिवहन विभाग को टैक्स का बड़ा नुकसान हो रहा है, लेकिन चेकिंग दस्तों को इससे कोई मतलब ही नहीं है. ऐसे टेंपो का संचालन सड़क पर हो रहा है और जगह जगह पुलिस बूथ हैं जिन पर यातायात पुलिस मौजूद रहती है उन्हीं के सामने से ऐसे वाहन गुजर जाते हैं, लेकिन यह सभी जिम्मेदार मुंह फेर लेते हैं. मुंह फेरने की भी बड़ी वजह सुविधा शुल्क है. जब सुविधा शुल्क नहीं मिलता तो ऐसे वाहनों पर कार्रवाई कर दी जाती है. जैसे ही सुविधा शुल्क पहुंच जाता है फिर से वाहन सड़क पर दौड़ने लगते हैं. ऐसे वाहन मड़ियांव से पॉलिटेक्निक के अलावा, बापू भवन और सचिवालय के सामने से संचालित हो रहे हैं. जो सीएनजी के कलर में रंगे हुए हैं जबकि हैं डीजल टेंपो. इन डीजल टेंपो का संचालन शहर के अंदर प्रतिबंधित है, लेकिन रंगाई पुताई कर इन्हें सीएनजी के कलर में दौड़ाया जा रहा है.