लखनऊः राजधानी के एक और अस्पताल पर धन उगाही का आरोप लगा है. उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं श्रम विकास सहकारी संघ के चेयरमैन वीरेंद्र कुमार तिवारी ने चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जय प्रताप सिंह को पत्र लिखकर रायबरेली रोड पर मोहनलालगंज क्षेत्र के हरकंशगढ़ी में स्थित विद्या हॉस्पिटल पर धन उगाही का आरोप लगाया है. चेयरमैन वीरेंद्र कुमार तिवारी दो जून को हॉस्पिटल पहुंचे थे, जहां उन्हें तमाम अव्यवस्थाएं दिखाई दीं.
बिना डॉक्टर हो रहा था इलाज!
वीरेंद्र तिवारी का यह भी आरोप है कि जब वह विद्या हॉस्पिटल पहुंचे तो वहां कोविड से संबंधित कोई भी डॉक्टर उपलब्ध नहीं था. ऑक्सीजन के नाम पर मरीजों के परिजनों से पहले ही 50-50 हजार रुपये जमा किए जाने की बात सामने आई. ऑक्सीजन गैस की जरूरत न होने पर भी जबरन मरीजों को ऑक्सीजन गैस लगाई जाती थी. महंगे इंजेक्शन व दवाओं का बिल बनाकर मरीजों के परिजनों पर भुगतान के लिए मानसिक दबाव बनाया जाता था.
पैसा ना होने पर नहीं करते थे भर्ती
तिवारी का कहना है कि विद्या हॉस्पिटल में वास्तव में जिन मरीजों को ऑक्सीजन की आवश्यकता थी परंतु ऑक्सीजन के पैसे जमा करने में असमर्थ थे, उनको हॉस्पिटल में भर्ती नहीं किया जाता था. यदि किसी दबाव के कारण भर्ती भी किया गया तो ऑक्सीजन लगाकर हटा दी जाती थी, जिससे कई व्यक्तियों की मौत हो चुकी है.
जांच कर दंडात्मक कार्रवाई की मांग
वीरेंद्र तिवारी ने मंत्री से विद्या हॉस्पिटल की विस्तृत जांच कराकर कोविड के मरीजों के इलाज में लापरवाही, गलत तरीके से धन उगाही करने पर ब्लैक लिस्ट करके दंडनात्मक कार्रवाई करने के लिए संबंधित अधिकारी को निर्देशित करने का अनुरोध किया है. इस संदर्भ में विद्या हॉस्पिटल फोन किया गया परंतु अस्पताल का फोन नहीं उठा.
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पहले भी कई अस्पतालों पर आरोप
गौरतलब है कि राजधानी के कई अस्पतालों पर पहले भी अवैध धन उगाही का आरोप लग चुका है. इसमें करीब
दर्जन भर अस्पतालों पर मुकदमा भी दर्ज हो चुका है.