लखनऊ: प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को पूर्णतः न रोके जाने पर सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. पराली जलाने की घटनाएं स्वीकार्य नहीं है. मुख्य सचिव सोमवार को लोक भवन में वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से जनकल्याणकारी योजनाओं और विकासपरक योजनाओं की समीक्षा के दौरान मण्डलायुक्तों और जिलाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दे रहे थे.
चारे के रूप में करें पराली का उपयोग
मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने यह भी निर्देश दिए कि पराली का उपयोग गोवंश आश्रय स्थलों में चारे के रूप में कराने के प्रयास सुनिश्चित कराए जाएं. पराली जलाने वालों के विरुद्ध एफआईआर न होने पर सम्बन्धित क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों सहित राजस्व अधिकारियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाएगी.
मुख्य सचिव ने यह भी निर्देश दिए कि पराली जलाने से सम्बन्धित दर्ज एफआईआर पर चार्जशीट शीघ्र लगाकर अग्रिम कार्रवाई सुनिश्चित कराई जाए. उन्होंने कहा कि पराली को गड्ढो में डालकर डी-कम्पोस्ट की कार्रवाई भी किसानों के माध्यम से कराई जाए.
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उन्होंने पराली जलाने की घटनाओं से सम्बन्धित चिन्हित जनपदों को मंगलवार 12 बजे तक वास्तविक स्थिति से अवगत कराने तथा आगामी बुधवार तक स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि पराली जलाने की घटनाओं को कड़ाई से रोके जाने हेतु आवश्यक कार्यवाहियां प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाएं. अन्यथा सम्बन्धित अधिकारियों के वेतन से आर्थिक दण्ड की वसूली कराए जाने के साथ-साथ उन्हें दण्डित किया जाएगा.
वरिष्ठ अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
उन्होंने कहा कि किसी भी जनपद में पराली जलाने की रिपोर्ट प्राप्त होने पर सम्बन्धित जनपद के जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों की जिम्मेदारी नियत कर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नियमानुसार सुनिश्चित कराई जाएगी. मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने यह भी निर्देश दिए कि आगामी शीत लहर को दृष्टिगत रखते हुये गोवंश आश्रय स्थलों में ठहरने वाले पशुओं के ठण्ड से बचाव हेतु काम किया जाए. उन्होंने नदियों को प्रदूषण से बचाने हेतु नालों से गन्दा पानी कतई न गिरने के लिए व्यापक कार्ययोजना बनाए जाने के निर्देश दिए.
गंदे नाली के पानी को रोकने हेतु करें कार्रवाई
मुख्य सचिव ने कहा कि नगर विकास विभाग की देखरेख में व्यापक कार्ययोजना बनाकर नदियों में गन्दे नाली के पानी को रोकने हेतु आवश्यक कार्रवाई प्राथमिकता से सुनिश्चित कराई जाए. उन्होंने कहा कि गन्दे पानी को शोधित करने हेतु सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाने हेतु आवश्यक जमीन सहित अन्य व्यवस्थायें यथाशीघ्र सुनिश्चित कराई जाएं.
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