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पुराने VC ने जड़ा ताला, नए ने तरीका निकाला - प्रोफेसर माहरुख मिर्जा

ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति की जिम्मेदारी विवि के ही प्रो. मउसूद आलम को दी गई है. विवि के पूर्व कुलपति प्रोफेसर माहरुख मिर्जा का कार्यकाल 25 अक्टूबर को पूरा हो गया था. इसके बाद पूर्व कुलपति प्रोफेसर माहरुख मिर्जा ने कार्यालय में ताला जड़ दिया. उनसे कई बार संपर्क किया गया लेकिन वह नहीं आए. इस पर नए कुलपति कार्य करने के लिए अनूठा तरीका अपना लिया...

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प्रो. मउसूद आलम को प्रशासनिक भवन के बाहर बैठना पड़ रहा है.

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Published : Oct 30, 2020, 5:49 AM IST

Updated : Oct 31, 2020, 7:19 AM IST

लखनऊ: ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर माहरुख मिर्जा का कार्यकाल 25 अक्टूबर हो समाप्त हो गया था. विश्वविद्यालय के नए कार्यवाहक कुलपति मसूद आलम ने चार्ज ले लिया है. इसके बावजूद विश्वविद्यालय में स्थित प्रशासनिक भवन में बने कुलपति के कमरे पर ताला लगा हुआ है.

प्रशासनिक भवन में ताला लगे होने की वजह से नए कार्यवाहक कुलपति मसूद आलम को कुलपति के कमरे के बाहर काम करना पड़ रहा है. नाम न छापने की शर्त पर विश्वविद्यालय के कर्मचारियों ने बताया कि पूर्व कुलपति प्रोफेसर माहरुख मिर्जा ने खुद ताला डाला हुआ है. वे कुलपति पद से हट जाने के बाद भी मौजूदा समय में कैंपस में बने कुलपति निवास में रह रहे हैं.

नहीं हो सका संपर्क

हालांकि कई बार विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों ने पूर्व कुलपति से चाबी मांगने का प्रयास किया, लेकिन उनसे किसी संपर्क नहीं हो सका. कैंपस के कुछ कर्मचारियों ने बताया कि कमरे में जरूरी कागजात होने की वजह से उनके कमरे का ताला नहीं खुल पा रहा है, क्योंकि चाबी पूर्व कुलपति के पास है.

अटके हैं कई कार्य

विश्वविद्यालय के कर्मचारियों का यह भी कहना है कि ताला न खुलने के चलते विश्वविद्यालय के कई महत्वपूर्ण कार्य भी बाधित हो रहे हैं. इस पूरे मामले पर कार्यवाहक कुलपति प्रोफेसर मसूद आलम ने मीटिंग में जाने का हवाला देते हुए निकल गए.

Last Updated : Oct 31, 2020, 7:19 AM IST

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