लखनऊ :कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. तीसरी लहर में बच्चों को खतरा अधिक होने की आशंका जताई गई है. इसकी आशंका को देखते हुए गंभीर बच्चों के इलाज के लिए पीकू(पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) व नीकू (नियो नेटल इंटेसिव केयर यूनिट) वार्ड बनाए जा रहे हैं. इन वार्डो में वेंटीलेटर लगाए जा रहे हैं, इसके लिए पीएम केयर से यूपी को वेंटीलेटर भेजे गए हैं. बता दें कि राजधानी लखनऊ को पीएम केयर से 40 वेंटीलेटर मिले हैं, इसमें बलरामपुर, लोहिया, केजीएमयू, पीजीआई समेत अन्य अस्पताल शामिल हैं.
एसपीजीआई(SPGI) की एक्सपर्ट टीम ने पीएम केयर्स के मिले वेंटीलेटर को बच्चों के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं पाया है. ऐसे में बच्चों के इलाज में यह वेंटीलेटर कितने कारगर होंगे. इसकी जांच के लिए आंतरिक कमेटी बनाई गई थी. कमेटी में इमरजेंसी मेडिसिन, एनस्थीसिया और पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ शामिल हैं. कमेटी की एक्सपर्ट टीम द्वारा इन वेंटीलेटर के हर पैरामीटर्स को बारीकी से चेक किया गया. जिसके बाद एक्सपर्ट टीम ने पाया कि ये वेंटिलेटर को 10 किलो वजन तक के बच्चों के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं हैं. विशेषज्ञ टीम के सदस्य डॉ.आरके सिंह के मुताविक पीएम केयर के वेंटिलेटर को बड़े मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है.
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