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एक्सपर्ट का दावा, बच्चों के इलाज के लिए कारगर नहीं हैं पीएम केयर से मिले वेंटिलेटर - पीएम केयर के वेंटिलेटर बच्चों के इलाज में कारगर नहींं

कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए प्रदेश सरकार पीकू-नीकू वार्ड बनाने पर जोर दे रही है. इन वार्डो में बच्चों के इलाज के लिए वेंटिलेटर लगाए जा रहे हैं. राजधानी को पीएम केयर फंड से 40 वेंटिलेटर मिले हैं, जिन्हें एसपीजीआई(SPGI) की एक्सपर्ट टीम ने बच्चों के लिए उपयोगी नहीं माना है.

बच्चों के इलाज के लिए कारगर नहीं हैं पीएम केयर से मिले वेंटिलेटर
बच्चों के इलाज के लिए कारगर नहीं हैं पीएम केयर से मिले वेंटिलेटर

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Published : Jul 29, 2021, 10:15 PM IST

लखनऊ :कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. तीसरी लहर में बच्चों को खतरा अधिक होने की आशंका जताई गई है. इसकी आशंका को देखते हुए गंभीर बच्चों के इलाज के लिए पीकू(पीडियाट्रिक इंटेसिव केयर यूनिट) व नीकू (नियो नेटल इंटेसिव केयर यूनिट) वार्ड बनाए जा रहे हैं. इन वार्डो में वेंटीलेटर लगाए जा रहे हैं, इसके लिए पीएम केयर से यूपी को वेंटीलेटर भेजे गए हैं. बता दें कि राजधानी लखनऊ को पीएम केयर से 40 वेंटीलेटर मिले हैं, इसमें बलरामपुर, लोहिया, केजीएमयू, पीजीआई समेत अन्य अस्पताल शामिल हैं.

एसपीजीआई(SPGI) की एक्सपर्ट टीम ने पीएम केयर्स के मिले वेंटीलेटर को बच्चों के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं पाया है. ऐसे में बच्चों के इलाज में यह वेंटीलेटर कितने कारगर होंगे. इसकी जांच के लिए आंतरिक कमेटी बनाई गई थी. कमेटी में इमरजेंसी मेडिसिन, एनस्थीसिया और पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के विशेषज्ञ शामिल हैं. कमेटी की एक्सपर्ट टीम द्वारा इन वेंटीलेटर के हर पैरामीटर्स को बारीकी से चेक किया गया. जिसके बाद एक्सपर्ट टीम ने पाया कि ये वेंटिलेटर को 10 किलो वजन तक के बच्चों के इलाज के लिए उपयुक्त नहीं हैं. विशेषज्ञ टीम के सदस्य डॉ.आरके सिंह के मुताविक पीएम केयर के वेंटिलेटर को बड़े मरीजों के इलाज में इस्तेमाल किया जा सकता है.

एक्सपर्ट टीम द्वारा सौंपी गई जांच रिपोर्ट की कापी

लोहिया अस्पताल में छेड़छाड़ के मामले में डॉक्टर निलंबित

प्रदेश भर में आए दिन किसी न किसी अस्पताल से छेड़छाड़ के मामले सामने आते रहते हैं. हालांकि शासन प्रशासन की तरफ से ऐसी घटनाएं रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है. हाल ही में ऐसा ही एक मामला लखनऊ के लोहिया अस्पताल से सामने आया था. जिसमें एक इंटर्न डॉक्टर के साथ छेड़छाड़ की घटना हुई. पीड़िता ने इसकी शिकायत पुलिस से की थी.

पीड़िता ने अस्पताल के सर्जरी विभाग के सीनियर रेजिडेंट डॉ.मोईन पर छेड़छाड़ का आरोपलगाया था. इस मामले में गुरुवार को संस्थान के निदेशक डॉक्टर सोनिया नित्यानंद ने एक जांच कमेटी बनाई है. अस्पताल के निदेशक ने जांच कमेटी की रिपोर्ट आने तक आरोपी डॉ.मोईन को सेवा से निलंबित कर दिया है. बता दें ऐसा ही एक और मामला बीते 5 जुलाई को सामने आया था, जिसमें एक संविधाकर्मी ने नाबालिग के साथ छेड़छाड़ की थी.

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