लखनऊ :राजधानी लखनऊ के थाना विभूतिखंड पुलिस ने फर्जी दस्तावेज लगाकर अलग-अलग बैंकों से कार फाइनेंस करा कर बेचने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड समीर अरोड़ा (Gang mastermind Sameer Arora) सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सदस्य लोगों का फर्जी तरीके से आधार कार्ड, पैन कार्ड प्राप्त कर लेते थे और अलग-अलग बैंकों में लगाकर वाहन फाइनेंस कराते थे.
फर्जी दस्तावेजों के जरिए कारें फाइनेंस कराने वाले गिरोह का भंडाफोड़, गिरफ्त में मास्टर माइंड - master mind under arrest
राजधानी लखनऊ के थाना विभूतिखंड पुलिस ने फर्जी दस्तावेज लगाकर अलग-अलग बैंकों से कारें फाइनेंस करा कर बेचने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है. पुलिस ने गिरोह के मास्टरमाइंड सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है. जानिए कैसे करते थे जालसाजी.
पुलिस के मुताबिक (according to the police) वाहन को फाइनेंस कराने के बाद यह वाहन को बेच देते थे. वाहनों को फाइनेंस कराने के लिए फर्जी व चोरी किए गए आधार कार्ड व दस्तावेजों का प्रयोग किया जाता था. हर बार गाड़ी फाइनेंस कराने के लिए नई ब्रांच में एप्लाई किया जाता था. अपराधियों द्वारा एक आधार कार्ड से तीन वाहन फाइनेंस कराए गए. जब बैंक को किस्त नहीं दी गई तो बैंक ने रिकवरी का नोटिस उस व्यक्ति के पास आया. जिसके नाम पर वाहन फाइनेंस कराया गया था. रिकवरी का नोटिस पहुंचने के बाद जब यह बात उस व्यक्ति को पता चली तब उसने पुलिस से शिकायत की. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर इसकी जांच करते हुए इस बड़े गिरोह तक पहुंची.
शक के दायरे में बैंक कर्मचारी : पुलिस ने गिरोह के द्वारा धोखाधड़ी से फाइनेंस (finance fraudulently) करा कर बेची गई सभी लग्जरी गाड़ियों (luxury cars) को बरामद कर लिया है. पुलिस ने फर्जी दस्तावेज को अप्रूव (approve fake documents) करने पर बैंक कर्मचारियों की मिलीभगत (connivance of bank employees) की आशंका जताई है. पुलिस का कहना है कि इन फर्जी डॉक्यूमेंट को अप्रूव करने में बैंक के कर्मचारियों का भी हाथ हो सकता है. पुलिस इसकी भी गंभीरता से जांच करेगी. पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड समीर अरोड़ा (Gang mastermind Sameer Arora) सहित अब तक मुख्य चार लोगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने गिरोह के पास से 9 लग्ज़री गाड़ियां व 1 एक्टिवा स्कूटी बरामद की है.